न्यूज डेस्क :
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने तबलीगी जमात और निजामुद्दीन मरकज पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है. विहिप ने इन संगठनों को इस्लामिक कट्टरपंथ की फैक्ट्री और वैश्विक आतंकवाद का पोषक बताते हुए प्रतिबंध की मांग की है. विहिप की ओर से गुरुवार को कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद सऊदी सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का स्वागत करती है और लोगों का जीवन संकट में डालने वाले तबलीगी जमात के आर्थिक श्रोतों का पता लगाकर उसके बैंक खातों, कार्यालयों व कार्यकलापों पर भारत सहित सम्पूर्ण विश्व समुदाय द्वारा अविलम्ब प्रतिबंध लगाने की मांग करती है.
आलोक कुमार ने कहा कि यह इस्लामिक कट्टरवादी संगठन रूस समेत विश्व के अनेक देशों में पहले से ही प्रतिबंधित है. इसके बावजूद सऊदी सरकार के इस निर्णय के स्वागत की जगह कुछ भारतीय अल्पसंख्यक संस्थाओं द्वारा विरोध किए जाने से आतंक-पोषण में उनकी भूमिका स्पष्ट होती है. उन्होंने कहा कि वास्तव में दारुल उलूम देवबंद ही उसका जन्मदाता है. 1926 में निजामुद्दीन से प्रारंभ तबलीग, हरियाणा के मेवात में धर्मांतरण की सफलता से उत्साहित होकर आज विश्व के 100 से अधिक देशों में करोड़ों लोगों को अपनी मानसिकता से संक्रमित कर उनका जीवन संकट में डाल चुकी है और अब इसपर प्रतिबंध लगाया जाना जरूरी है.
विहिप की ओर से जारी बयान में कहा गया कि,
“देश के अनेक मस्जिदों, मदरसों व जिहादियों की बस्तियों में बरामद गोले-बारूद व पकड़े गए आतंकी कहीं ना कहीं इसी मानसिकता के थे. विश्व के अधिकांश आतंकी संगठनों को प्रारंभ करने वाले भी तबलीग से जुड़े रहे हैं. अमेरिकी स्थिति वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के हत्यारों से लेकर गोधरा में 59 लोगों को जिंदा जलाने तथा स्वामी श्रद्धानंद की हत्या करने वाला युवक का उर्स मनाने वालों के मरकज से सम्बन्ध जग-जाहिर हैं.”