पटना : मुन्ना शर्मा
एक बार फिर लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. पटना सिविल कोर्ट में आगामी 23 नवम्बर को उन्हें सदेह हाजिर होना पड़ेगा. ये मामला चारा घोटाले का है. मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश प्रजेश कुमार ने यह आदेश दिया है. स्पेशल जज प्रजेश कुमार की अदालत ने 23 नवंबर को राजद प्रमुख एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के साथ साथ 27 अन्य आरोपियों को अदालत में सदेह हाजिर होने का आदेश जारी कर दिया है. अदालत ने पहले सभी अभियुक्तों को मामले में उचित पैरवी करने का निर्देश दिया था. इसके तहत मंगलवार को आरके राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत, बैग जूलियस, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, फैडरिक करकेटा समेत 16 आरोपित न्यायालय में सदेह उपस्थित हुए थे. लेकिन, लालू प्रसाद यादव, नागेंद्र पाठक और प्रकाश कुमार के अधिवक्ता ने उनकी ओर से न्यायालय में उपस्थिति दर्ज कराई. यह मामला भागलपुर के बांका जिला के उपकोषागार से फर्जी देकर 46 लाख रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है.
आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव इन दिनों दिल्ली में अपनी बेटी मीसा भारती के सरकारी आवास में रह रहे हैं और चिकित्सकों की देखरेख में हैं, क्योंकि वे बीमार हैं. पिछले महीने तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधान सभा उपचुनाव के दौरान प्रचार के लिए करीब साढ़े तीन साल बाद लालू प्रसाद यादव पहली बार पटना पहुंचे थे. वे 30 अक्टूबर को संपन्न उपचुनाव में अपनी पार्टी के समर्थन में प्रचार करने लालू बिहार आए थे. चुनाव खत्म होने के बाद पत्नी राबड़ी देवी के साथ दिल्ली लौट गए. तब कहा गया था कि लालू काफी बीमार हैं. अब एक बार फिर कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें डॉक्टर के देख रेख में पटना आना पड़ेगा.
इधर खरखण्ड के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में भी सुनवाई शुरू होने वाली है. लालू प्रसाद यादव की ओर से वहां 29 नवंबर से बहस होगी. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में अभी मामले की सुनवाई चल रही है. इसमें एक-दो आपूर्तिकर्ता आरोपितों को छोड़कर अन्य की ओर से बहस पूरी हो चुकी है. मामले में अब तक 56 लोगों की ओर से बहस पूरी कर ली गई है.