न्यूज़ डेस्क :
यूपी चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. इसी संदर्भ में रविवार को गाजियाबाद में दलित सेना कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस शामिल होंगे. बता दें कि दलित सेना का गठन दिवंगत मंत्री रामविलास पासवान ने किया था और उनकी मृत्यु तथा लोजपा के टूट के बाद दलित सेना का यह पहला कार्यक्रम है. रामविलास पासवान के बाद पारस अब बिहार के बाहर पार्टी को विस्तार देने में जुटे हैं और इसी नीति के तहत दलित शक्ति को एकजुट कर रहे हैं.
पारस की ‘राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी’ यूपी चुनावों में लड़ेगी
बता दें कि उत्तर प्रदेश में दलित मतदाता करीब 22 फीसदी हैं और सत्ता पर काबिज होने के लिए ये निर्णायक हैं. बिहार से सटे यूपी के दर्जनों विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिनकी विशेष पहचान हैं. पूर्वांचल के नाम से प्रसिद्ध इस क्षेत्र की सीटों पर बिहार और यूपी की साझा संस्कृति देखने को मिलती है. ऐसे में बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली जेडीयू भी यूपी चुनावों में 10-15 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने की मांग कर रही है. केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस सरकार में शामिल हैं और बिहार में दलितों का प्रतिनिधित्व करते हैं. सूत्रों के मुताबिक़ अगर यूपी चुनावों में गठबंधन के तहत जेडीयू को लड़ने के लिए सीटें मिलती हैं तो पारस की पार्टी ‘राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी’ को भी 3-4 सीटें मिलेंगी.
पशुपति पारस पार्टी को बिहार से आगे यूपी तक विस्तारित करेंगे
रामविलास पासवान के निधन के बाद पशुपति पारस ने दलितों को एकजुट बनाए रखने के लिए अब दलित सेना के कार्यक्रम में भाग लेकर पार्टी को बिहार से आगे यूपी में विस्तार का लक्ष्य रखा है. इस कार्यक्रम में पारस अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी करेंगे. बता दें कि रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद लोजपा दो धरों में बंट गई है. उनके पुत्र सांसद चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नाम से नए राजनीतिक दल का गठन किया है और उनके भाई पशुपति पारस को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का नाम से नई पार्टी बनाई है. फिलहाल रामविलास के जगह पर पारस को ही केंद्र में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बनाया गया है.