लखनऊ : विशेष संवाददाता
लखीमपुर खीरी की घटना के बाद राजनीति करने में विपक्ष कोई भी कसर छोड़ने को तैयार नहीं हैं. पिछले 28 घंटे से लखीमपुर जाने के क्रम में प्रियंका गाँधी पुलिस कि हिरासत में हैं. योगी सरकार द्वारा इस कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस आज राष्ट्रीय स्तर पर जिला मुख्यालयों पर प्रोटेस्ट कर रही है. इधर इस घटना को लेकर सरकार ने आंदोलन करने वाले नेताओं के साथ वार्ता कर मृतक और घायलों को मदद करके मामला को लगभग शांत कर दिया है. कांग्रेस इस मामले को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश में लगी है. किसान नेताओं को अब लखीमपुर में जाने की अनुमति दे दी गयी है जबकि राजनीतिक दलों के नेताओं को प्रतिबंधित किया गया है.
राहुल गाँधी ने ट्वीट करके कहा कि जिसे हिरासत में रखा है, वो डरती नहीं है- सच्ची कांग्रेसी है, हार नहीं मानेगी! सत्याग्रह रुकेगा नहीं…..
जिसे हिरासत में रखा है, वो डरती नहीं है- सच्ची कांग्रेसी है, हार नहीं मानेगी!
सत्याग्रह रुकेगा नहीं।#FarmersProtest
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 5, 2021
प्रियंका गांधी ने कहा- मोदी जी आपकी सरकार ने बगैर किसी ऑर्डर-FIR के मुझे 28 घंटे से हिरासत में रखा है. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में विपक्ष लगातार राज्य सराकर और केंद्र सरकार पर हमलावर है. लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश के दौरान हिरासत में ली गयीं प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया है. प्रियंका गांधी इसके साथ ही उन्होंने हिंसा से जुड़े एक वायरल वीडियो को लेकर भी सवाल उठाया कि ये व्यक्ति अब तक गिरफ़्तार नहीं हुआ, क्यों? प्रियंका ने कहा कि सरकार ने जो कार्रवाई की है वह दबाव का नतीजा है. अब तक मंत्री के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया जबकि हमें गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने कहा कि अजय मिश्रा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए. अब पीड़ितों से मिले बिना नहीं लौटूंगी. आपको बता दें कि प्रियंका गांधी को रविवार को लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश के दौरान हिरासत लिया गया था. प्रियंका की हिरासत को 28 घंटे से ज्यादा हो गए हैं.
बता दें कि लखीमपुर खीरी जिले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आने से पहले ही भारी बवाल हो गया था. तेज रफ्तार कार ने कुछ किसानों को रौंद दिया जिसके बाद प्रदर्शनकारी भड़क उठे. कई गाड़ियां फूंक दी गईं और कार सवारों को बुरी तरह पीटा गया. बवाल के दौरान फायरिंग भी की गई. कार से कुचले गए किसानों में से चार की मौत के अलावे 5 अन्य लोगों की मौत हुई है. इनमे केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के ड्राइवर सहित चार भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हुई है.
आखिर कांग्रेस राजनीतिक मुद्दा क्यों बनाना चाहती है ?
कांग्रेस कहती है कि किसान उसके लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है, पर पार्टी किसान आंदोलन के जरिए उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब और उत्तराखंड में सियासी फायदा तलाश रही है. पंजाब के कांग्रेस नेता लगातार लखीमपुर पहुँचने की कोशिश में हैं, लेकिन पुलिस ने कल सहारनपुर से आगे बढ़ने नहीं दिया गया. रणनीतिकार मानते हैं कि लखीमपुर खीरी की घटना का असर यूपी के साथ पंजाब और उत्तराखंड चुनाव में भी दिखाई देगा. पार्टी किसानों की इस नाराजगी को वोट में तब्दील करने की कोशिश करेगी. यूपी और उत्तराखंड के तराई इलाके में सिख समुदाय की तादाद अच्छी खासी है. वर्ष 2017 के चुनाव में यूपी के बरेली, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी व सीतापुर में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था. वहीं, उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में भी 9 विधानसभा सीट पर सिख मतदाताओं की संख्या अधिक है. केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व पंजाब कर रहा है. किसान संगठनों ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ऐसे में तराई क्षेत्र के सिख मतदाता भाजपा के खिलाफ वोट कर सकते हैं, क्योंकि यूपी के मुकाबले उत्तराखंड में कांग्रेस का संगठन मजबूत है और जीत की दहलीज तक पहुंच सकती है.