वरिष्ठ संवाददाता :
किसान संगठनों ने कल 27 सितंबर को सुबह 6 से शाम 4 तक भारत बंद का एलान किया है. विपक्षी दलों ने भी किसान आंदोलन का समर्थन किया है. आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं. किसान नेताओं ने घोषणा कर दी हैं कि कल के देशव्यापी आंदोलन के चुनावी राज्यों में संघर्ष तेज कर दिया जायेगा. इधर यूपी में योगी सरकार ने किसान आंदोलन और विधान सभा चुनावों को देखते हुए MSP में प्रति क्विंटल 25 रु के बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है.
किसान नेताओं ने भारत बंद की घोषणा करते हुए कहा कि आज दस महीने पूरे हो गए हैं, जिसमें अब तक 605 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं. पिछले वर्ष, 26 नवंबर 2020 को लाखों किसान, केंद्र और राज्यों की भाजपा सरकारों द्वारा लगाई गई कई बाधाओं के बावजूद, तीन किसान-विरोधी, कॉर्पोरेट-समर्थक कानून को केंद्र सरकार ने देश के किसानों पर थोप दिया था. कल 27 सितंबर को किसान आंदोलन के आह्वान पर ऐतिहासिक भारत बंद है, जिसकी पूरी तैयारी हो चुकी है. किसानों का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती है.
ये पार्टियां कर रही है किसान आंदोलन के भारत बंद का समर्थन
किसानों द्वारा कल किए जाने वाले भारत बंद का समर्थन अब तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, आप, सपा, तेदेपा, जनता दल सेक्युलर, बसपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रमुक, शियद, शियद-संयुक्त, वाईएसआरसीपी, झामुमो, राजद, स्वराज इंडिया के साथ ही वामपंथी दलों जैसे माकपा, भाकपा, फारवर्ड ब्लॉक, समाजवादी पार्टी, भाकपा माले (लिबरेशन), भाकपा माले न्यू डेमोक्रेसी, एसयूसीआई (सी), एमसीपीआई (यू), भारतीय क्रान्तिकारी मार्क्सवादी पार्टी, और अन्य दलों ने किया है. कल केंद्रीय श्रम संगठनों ने नई दिल्ली के जंतर मंतर पर सुबह 11 बजे एक विरोध रैली का आयोजन भी किया है.
दिल्ली की सीमाओं पर 10 महीने से जारी किसान आंदोलन, कब क्या हुआ ?
5 नवंबर 2020 को देशभर में चक्काजाम के बाद हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों ने 26 नवंबर 2020 को ‘दिल्ली चलो’ आह्वान किया, जिसके बाद किसान सिंघू, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों ने डेरा डाल दिया.
1 दिसंबर 2020 से 22 जनवरी 2021 तक किसान संगठनों और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला.
16 दिसंबर 2020 को बॉर्डर बंद होने की वजह से यात्रियों को होने वाली परेशानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मसले को सुलझाने के लिए एक कमेटी गठित करने का सुझाव दिया और किसानों के अहिंसक विरोध प्रदर्शन के अधिकार को स्वीकार किया.
12 जनवरी 2021 को SC ने इसपर सुनवाई करते हुए तीन कृषि कानूनों पर रोक लगा दी थी और एक कमेटी का गठन कर सभी पक्षों को सुनने के बाद दो महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा.
26 जनवरी 2021 को दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली, लेकिन इस दौरान आंदोलनकारियों और पुलिस में झड़प हो गई. निर्धारित रूट्स का पालन न करने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. प्रदर्शकारियों ने लाल किला पर अपना झंडा फहरा दिया. इस प्रदर्शन के दौरान ट्रैक्टर पलटने से एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई थी.