लखनऊ : विक्रम राव
प्रगायराज में महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में आरोपी आनंद गिरि और आधा प्रसाद तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. दोनों आरोपी नैनी सेंट्रल जेल भेजे गए. इससे पहले महंत की मौत मामले में आनंद गिरि से 12 घंटे पुलिस ने पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक सुसाइड नोट दिखाकर आनंद गिरि से पुलिस के अलग-अलग अधिकारियों ने पूछताछ की थी. आनंद गिरि को देहरादून से गिरफ्तार किया गया था. इसके पहले नरेन्द्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी आनन्द गिरी और आधा तिवारी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्र नाथ की अदालत में पेश किया गया.
महंत नरेंद्र गिरि के तथाकथित सुसाइड नोट में कई ऐसी बातें हैैं जो गहरे संदेह को जन्म दे रही हैैं. कुल 12 पन्ने के इस सुसाइड नोट को दो चक्रों में लिखा गया है. पहले आठ पेज 13 सितंबर को लिखे गए जबकि दूसरे चार पेज 20 सितंबर को. दिलचस्प यह है कि 13 सितंबर को जिन पेजों को लिखा गया, उस पर तारीख को काट कर 20 सितंबर कर दिया गया है. जांच टीम को एक बात खास तौर पर परेशान कर सकती है, वह है हरिद्वार से महंत को किया गया फोन.
महंत नरेन्द्र गिरि की मौत मामले में आरोपी आनंद गिरि का आश्रम सील हो गया है. हरिद्वार के श्यामपुर स्थित आश्रम पर हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई की है. अवैध निर्माण की वजह से मई में भी भवन सील की गई थी.
इधर युवा साधु-संतों के संगठन युवा भारत साधु समाज ने आनंद गिरी को संगठन से निकाल दिया है. हरिद्वार के गरीब दास आश्रम में बैठक करते हुए आज संगठन ने ये कार्रवाई की है. संगठन से जुड़े दूसरे साधु संतों का कहना है कि आनंद गिरि पर गंभीर आरोप होने के चलते उन्हें अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाया जा रहा है.