दिल्ली : वरिष्ठ संवाददाता
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में कश्मीर के सुरक्षा हालात को लेकर आज गृह मंत्रालय में अहम बैठक हुई. एनएसए अजीत डोवाल, सेना प्रमुख एम एम नरवने, आईबी चीफ, रा चीफ, बीएसएफ डीजी और गृह सचिव भी इस बैठक में मौजूद थे.
अफगानिस्तान के बाद में कश्मीर की सुरक्षा को लेकर भी इस बैठक में चर्चा हुई. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में विकास कार्यों को लेकर भी मंथन किया गया. इसके पहले भी पिछले एक महीने में कश्मीर के हालात को लेकर दो महत्वपूर्ण बैठक गृह मंत्रालय में हो चुकी है. दरसल कश्मीर में इससे पहले भी आतंकी संगठनों को तालिबान से मदद मिलने के इनपुट मिलते रहे हैं और अब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के नए शासन के बाद सुरक्षा व्यवस्था को घाटी में नई चुनौती के लिए तैयार कैसे किया जाए, उसके लिए यह बैठकों का दौर लगातार चल रहा है.
पंजशीर घाटी में तालिबान के प्रवेश का मतलब युद्ध का अंत नहीं
अफगानिस्तान का ये प्रांत अब भी तालिबान के कब्जे में पूरी तरह से नहीं आया है. इधर अहमद शाह मसूद और उनके सहयोगियों ने कहा है कि अफ़ग़निस्तान के पंजशीर घाटी में तालिबान के प्रवेश का मतलब युद्ध का अंत नहीं, बल्कि युद्ध की शुरुआत है, हम अफगानिस्तान की आजादी के लिए लड़ना जारी रखते हैं और मैं अंतरराष्ट्रीय देश से तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देने के लिए कह रहा हूं.