लखनऊ: न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन हो गया. उनका लंबे समय से लखनऊ के पीजीआई में इलाज चल रहा था. कल्याण सिंह राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं. इससे पहले वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. वो दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्हें 26 अगस्त 2014 को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया. उन्हें राष्ट्रवादी राजनेता के रूप में जाना जाता है.
लंबा रहा राजनीतिक सफर
कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. उनके पिता का नाम श्री तेजपाल लोधी और माता का नाम श्रीमती सीता देवी था. कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कई बार अतरौली के विधानसभा सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और साथ ही साथ ये उत्तर प्रदेश में लोक सभा सांसद और राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. पहली बार कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वर्ष 1991 में बने और दूसरी बार यह वर्ष 1997 में मुख्यमंत्री बने थे. ये प्रदेश के प्रमुख राजनैतिक चेहरों में एक इसलिए माने जाते हैं, क्यूंकि इनके पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ही बाबरी मस्जिद की घटना घटी थी. वो जून 1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये 6 दिसम्बर 1992 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया.
बाबरी मस्जिद विध्वंश के बाद
वो 1993 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अत्रौली और कासगंज से विधायक निर्वाचित हुए. चुनावों में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरा, लेकिन मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी ने गठबन्धन सरकार बनायी. विधान सभा में कल्याण सिंह विपक्ष के नेता बने थे. वो सितम्बर 1997 से नवम्बर 1999 तक पुनः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. 21 अक्टूबर 1997 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कल्याण सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया. कल्याण सिंह पहले से ही कांग्रेस विधायक नरेश अग्रवाल के सम्पर्क में थे और उन्होंने तुरन्त शीघ्रता से नयी पार्टी लोकतांत्रिक कांग्रेस का घटन किया और 21 विधायकों का समर्थन दिलाया. इसके लिए उन्होंने नरेश अग्रवाल को ऊर्जा विभाग का कार्यभार सौंपा.
दिसम्बर 1999 में कल्याण सिंह ने पार्टी छोड़ दी और जनवरी 2004 में पुनः भाजपा से जुड़े. 2004 के आम चुनावों में उन्होंने बुलन्दशहर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा. 2009 में उन्होंने पुनः भाजपा को छोड़ दिया और एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सांसद चुने गये. सिंह ने 4 सितम्बर 2014 को राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ली. उन्हें जनवरी 2015 में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया.