दिल्ली: डॉ. निशा सिंह
संसद के मानसून सत्र में कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट दिखे विपक्षी दल 20 अगस्त को एक बार फिर वर्चुअल प्लेटफार्म से जुड़ेंगे. सोनिया गांधी ने संसद के बाद सड़क के लिए विपक्ष की साझा रणनीति बनाने के लिए 20 अगस्त को बैठक बुलाई है. वर्चुअल बैठक में ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे, हेमंत सोरेन, शरद पवार सहित अन्य नेता शामिल होंगे. बैठक में पेगासस, किसान आंदोलन सहित अन्य मुद्दों को सड़क के ज़रिए आम जनता तक कैसे ले जाया जाए, इसपर विस्तृत चर्चा होगी. सूत्रों मुताबिक विपक्षी दल सत्ता पक्ष यानी मोदी सरकार पर दबाव बनाए रखने के लिए रणनीति बनाने के लिए बैठक करेगा. आगामी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सोनिया गांधी ने विपक्ष को लामबंद करने की कमान सीधे अपने हाथों में ले ली है.
पिछले सप्ताह विपक्ष ने संसद के मानसून सत्र में एकजुटता दिखाई, लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या सड़क पर भी ये नेता साझा रणनीति के तहत उतरते दिखेंगे ? देश के मौजूदा हालात को लेकर क्या जनता तक विपक्ष संयुक्त रूप से एक योजना लेकर जायेगा ? क्या 2024 तक ये एकता कायम रह पाएगी ? इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई है. बैठक में समान विचारधारा के मुख्यमंत्रियों सहित अन्य बड़े नेता शामिल होंगे. कांग्रेस विपक्ष की एकता को लेकर आशावादी है. इस बैठक में आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के शामिल होने की संभावना नहीं है. सूत्रों के मुताबिक ये दल कांग्रेस की बैठक में शामिल होकर उसकी पिछलग्गू नहीं दिखना चाहते. बाक़ी लेफ्ट दलों, सपा, आरजेडी सहित लगभग 15 दलों के शामिल होने की उम्मीद है.
ये दल शामिल होंगे- INC, DMK, TMC, SP, SS, NC, CPM, RJD, CPI, IUML, RSP, VCK, KC(M), LJD
आपको बता दें कि सोनिया गाँधी ने पहले भी यूपीए बनाकर एक विकल्प देश को दिया था. जब अटल बिहारी वाजपेई सरकार लगातार सत्ता में नहीं पहुँच पाई थी. 2004 की तरह एक बार फिर एक विकल्प बनाने की दिशा में सोनिया आगे बढ़ रही हैं. गौरतलब है कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान इस बार विपक्षी दल एक साथ खड़े नजर आए. पेगासस जासूसी कांड में चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी पार्टियां एक साथ खड़ी नजर आई. विपक्ष की एकजुटता की वजह से इस बार संसद सत्र की कार्यवाही नहीं चल पाई. विपक्ष इसे बीजेपी विरोधी गुट की जीत के रूप में देखते हैं. 2019 में बीजेपी के आने के बाद से विपक्ष बिखर गया था, लेकिन इस बार वो एक साथ नजर आई. इसी एकता को बनाये रखने के लिए सोनिया गांधी बैठक करने वाली हैं.