न्यूज़ डेस्क
तालिबान ने अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से आधे से ज्यादा की राजधानियों पर नियंत्रण बना लिया है. देश के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहर (पश्चिम में हेरात और दक्षिण में कंधार) पर नियंत्रण के बाद तालिबान ने हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह पर कब्जा कर लिया है. तालिबानी आतंकी अभी काबुल से 50 किलोमीटर दूर है. इसी बीच अफगानिस्तान की गंभीर स्थिति पर राष्ट्रपति अशरफ गनी आज राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं.
एएफपी के सूत्रों के मुताबिक नाटो के राजदूत ने कल एक बैठक की. अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा आखिरी दम तक लड़ेंगे. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा पर बैठक में दृढ़ विश्वास और संकल्प के साथ यह निर्णय लिया गया कि हम तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं और हर तरह से राष्ट्रीय प्रतिरोध को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. इधर कतर में शांति वार्ता रुकी हुई है, हालांकि राजनयिक अभी भी मुलाकात कर रहे हैं. अमेरिका, यूरोपीय और एशियाई देशों ने चेतावनी दी है कि बलपूर्वक स्थापित किसी भी सरकार को खारिज किया जाएगा. अमेरिका कुछ सप्ताह बाद अपने आखिरी सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाने वाला है.
तालिबान ने एलान किया – अफगानिस्तान में हिंदुस्तानियों को हमसे कोई खतरा नहीं
तालिबान के प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों के लिए बड़ा बयान दिया है. तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों को उनसे कोई खतरा नहीं है. तालिबान ने भरोसा दिलाया है कि वो अफगानिस्तान में मौजूद भारतीय दूतावासों को निशाना नहीं बनाएगा. भारत की परियोजनाओं को तालिबान ने सराहा. अफगानिस्तान में भारत की सहायता से चल रही परियोजनाओं पर तालिबान ने कहा, “हम अफगान के लोगों के लिए किए गए हर काम की सराहना करते हैं जैसे बांध, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और जो भी अफगानि के विकास, पुनर्निर्माण और आर्थिक समृद्धि के लिए किया गया है.”