Tokyo Olympics 2020 : आज से शुरू: उद्घाटन समारोह आज शाम 4:30 बजे

न्यूज़ डेस्क

टोक्यो ओलंपिक गेम्स 2020 आखिरकार आज यानी शुक्रवार से शुरू हो गए हैं. आधिकारिक शुरुआत के लिए शुक्रवार शाम को ओपनिंग सेरेमनी होगी, जिसे कोरोना महामारी के चलते बेहद ही सामान्य सा रखा गया है. भारत की तरफ से ओलंपिक ओपनिंग सेरेमनी में सिर्फ 18 ही खिलाड़ी रहेंगे. तीरंदाजी के ड्रॉ में दीपिका कुमारी का प्रदर्शन अच्छा रहा. 12 राउंड के बाद दीपिका कुमारी ने 663 प्वाइंट्स हासिल किए और वह नौवें नंबर पर रहीं. टॉप तीनों पोजिशन पर कोरिएन खिलाड़ियों ने कब्जा जमाया. महामारी ने हालांकि खिलाड़ियों की मुश्किलों को काफी बढ़ा दिया है. कोरोना महामारी की वजह से खिलाड़ियों को हर दिन कोविड 19 टेस्ट से गुजरना होगा. बिना कोविड 19 टेस्ट रिपोर्ट से किसी भी खिलाड़ी को मैदान पर एंट्री नहीं मिलेगी. इतना ही नहीं अगर कोई खिलाड़ी फाइनल में पहुंच गया है और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है तो उसे मेडल की रेस से पीछे हटना पड़ेगा.

शाम 4.30 बजे शुरू होगी ओपनिंग सेरेमनी

तोक्यो ओलंपिक उद्घाटन समारोह 2021 स्थानीय समयानुसार रात 8 बजे या भारतीय मानक समयानुसार शाम 4:30 बजे 23 जुलाई को शुरू होगा. तोक्यो स्थित खेलगांव में ओपनिंग सेरेमनी होगी, जिसमें सभी देशों के खिलाड़ी और दल हिस्सा लेंगे. 204 देशों में खेलों का लाइव प्रसारण किया जाएगा.

डीडी स्पोर्ट्स चैनल पर ओलंपिक 2020 का प्रसारण होगा

भारत में डीडी स्पोर्ट्स ओलंपिक 2020 का कवरेज करेगा. इन खेलों से जुड़ा प्रसारण, ओलंपिक से पूर्व से शुरू होकर उसके बाद तक जारी रहेगा और सार्वजनिक प्रसारक के टेलीविजन, रेडियो और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर देश भर में उपलब्ध होगा. डीडी स्पोर्ट्स पर रोजाना सुबह पांच बजे से शाम सात बजे तक सीधा प्रसारण किया जाएगा.

भारत की ओर से 125 खिलाड़ी भाग लेंगे

भारत की ओर से टोक्यो ओलंपिक में 125 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. ओलंपिक खेलों के पहले दिन भारत के आर्चरी और बॉक्सिंग के खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे. भारत की स्टार तीरंदाज दीपिका कुमारी भी ओलंपिक खेलों के पहले दिन ही किस्मत आजमा रही हैं. दीपिका कुमारी से भारत को गोल्ड मेडल की उम्मीद है. इसके अलावा तीरंदाजी में भारत की ओर से तरुणदीप राय, अतनु दास और प्रवीण जाधव भी पेश करने जा रहे हैं. ओलंपिक खेलों के पहले दिन भारत के तीन मुक्केबाज लवलीना, विकास कृष्णन और सतीश कुमार अलग-अलग इवेंट में हिस्सा लेंगे.

रियो ओलंपिक (2016) में भारत ने एक रजत (बैडमिंटन में पीवी सिंधु) और एक कांस्य (कुश्ती में साक्षी मलिक) जीता. अब भारतीय खिलाड़ी 100वें साल के जश्न को शानदार तरीके से मनाना चाहेंगे. भारत की 100 से अधिक खिलाड़ियों का दल टोक्यो भेजने की तैयारी है. इनमें से भारत को बैडमिंटन, कुश्ती, मुक्केबाजी और निशानेबाजी में पदक मिल सकते हैं.

भारत ने 1920 में पहली बार ओलंपिक खेलों में भाग लिया

1896 में ग्रीस में आधुनिक ओलंपिक खेलों का आगाज हुआ था. भारत ने 1920 में पहली बार आधिकारिक तौर पर ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था. इस लिहाज से भारत इस साल अपने ओलंपिक अभियान के 100 साल पूरे कर रहा है. 1900 के पेरिस ओलंपिक में नार्मन पिचार्ड ने ब्रिटिश शासन वाले भारत के लिए पुरुषों की 200 मीटर तथा 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीता था. पिचार्ड ब्रिटिश शासन के नुमाइंदे थे. इसी कारण ओलंपिक इतिहासकार पिचार्ड के प्रदर्शन को भारत के पदकों में शामिल नहीं करते. हालांकि 1894 में गठित अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) पिचार्ड द्वारा जीते गए पदकों को भारत की झोली में मानता है.

भारत ने ओलंपिक खेलों में अब तक 28 पदक जीता है

1900 से 2016 तक भारत ने ओलंपिक में अब तक कुल 28 पदक जीते हैं. अगर इनमें से पिचार्ड के पदकों को निकाल दिया जाए तो इनकी कुल संख्या 26 हो जाएगी. इसमें 9 स्वर्ण (हॉकी में 8 और एक निशानेबाजी में अभिनव बिंद्रा) के अलावा पांच रजत और 12 कांस्य शामिल हैं. खेलों की बात की जाए तो भारत ने हॉकी में कुल 11 पदक जीते हैं जबकि निशानेबाजी में चार पदक जीते हैं. इसके अलावा भारत ने कुश्ती में पांच, बैडमिंटन और मुक्केबाजी में दो-दो तथा टेनिस और भारोत्तोलन में एक-एक पदक जीता है.

1900 ओलंपिक में सिर्फ पिचार्ड ने ‘भारत’ का प्रतिनिधित्व किया था। 1920 ओलंपिक में भारत ने 6 खिलाड़ियों का दल भेजा था जबकि 1924 में यह संख्या 15 हो गई. इसी तरह 1928 में 21, 1932 में 30, 1936 में 27, 1948 में 79, 1952 में 64, 1956 में 59, 1960 में 45, 1964 में 53, 1968 में 25, 1972 में 41, 1976 में 20, 1980 में 76, 1984 में 48, 1988 में 46, 1992 में 53, 1996 में 49, 2000 में 65, 2004 में 73, 2008 मंे 56, 2012 में 83 और 2016 में 118 खिलाड़ियों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

भारत के ओलंपिक खेलों का अब तक का सफर

1924 में पेरिस में एक बार फिर ओलंपिक का आयोजन हुआ और इस साल भी भारत की झोली खाली रही. भारत को अपना पहला पदक एम्सटर्डम ओलंपिक (1928) में मिला और वह भी सीधे स्वर्ण. हॉकी टीम ने भारत को पदक दिलाया। इसके बाद भारतीय हॉकी टीम ने लॉस एंजेलिस (1932), बर्लिन (1936), लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) ओलंपिक खेलों में लगातार स्वर्ण पदक जीते.

1952 ओलंपिक भारत के लिए खास है क्योंकि इस साल कासाबा दादासाहेब जाधव ने भारत के लिए पहला व्यक्तिगत मेडल जीता. जाधव ने कुश्ती के फ्रीस्टाइल 57 किग्रा वर्ग में कांस्य जीता था. भारतीय हॉकी टीम हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में अपने खिताब की रक्षा नहीं कर पाई और फाइनल में पाकिस्तान से 0-1 से हारकर रजत से संतोष करने पर मजबूर हुई. टोक्यो (1964) में भारत ने एक बार फिर वापसी की और अपने खिताब की रक्षा करते हुए स्वर्ण जीता. हालांकि 1968 के मैक्सिको सिटी और 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में भारत को सिर्फ कांस्य पदक मिला.

1976 के मांट्रियल ओलंपिक में भारत की झोली खाली रही लेकिन 1980 के मास्को ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने फिर से स्वर्ण पर निशाना साधा. यहां से भारतीय हॉकी का स्वर्ण काल खत्म हो गया. इसके बाद भारत को हॉकी में अब तक कोई पदक नहीं मिला है. 1984 के लॉस एंजेलिस, 1988 के सियोल ओलंपिक और 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में भारत ने कोई पदक नहीं जीता जबकि 1996 के अटलांटा ओलंपिक में लिएंडर पेस ने भारत के लिए टेनिस में कांस्य पदक जीता. यह नए युग की शुरुआत थी.

इसके बाद सिडनी में 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी ने भारोत्तोलन में कांस्य जीतकर नया अध्याय लिखा. भारत ने अब तक हॉकी के अलावा कुश्ती (जाधव), टेनिस (पेस) और भारोत्तोलन (मल्लेश्वरी) में व्यक्तिगत पदक जीते थे. ये सभी कांस्य थे, लेकिन 2004 के एथेंस ओलंपिक में कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने निशानेबाजी में रजत जीतकर नए युग की शुरुआत की.

बीजिंग ओलंपिक भारत के लिए सबसे सफल रहा, क्योंकि इसमें अभिनव बिंद्रा ने भारत के लिए पहला और अब तक का एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण जीता. बिंद्रा ने यह पदक निशानेबाजी में हासिल किया. इसके अलावा सुशील कुमार ने कुश्ती और विजेंदर सिंह ने मुक्केबाजी में कांस्य जीते. मुक्केबाजी में भारत का खाता पहली बार खुला.

लंदन में भारत ने अपने किसी एक ओलंपिक में सबसे अधिक पदक जीते. भारत ने इस साल दो रजत (कुश्ती में सुशील और निशानेबाजी में विजय कुमार) और चार कांस्य (मुक्केबाजी में एमसी मैरी कॉम, बैडमिंटन में सायना नेहवाल, कुश्ती में योगेश्वर दत्त और निशानेबाजी में गगन नारंग) जीते.

रियो ओलंपिक (2016) में भारत ने एक रजत (बैडमिंटन में पीवी सिंधु) और एक कांस्य (कुश्ती में साक्षी मलिक) जीता. अब भारतीय खिलाड़ी 100वें साल के जश्न को शानदार तरीके से मनाना चाहेंगे. भारत की 100 से अधिक खिलाड़ियों का दल टोक्यो भेजने की तैयारी है. इनमें से भारत को बैडमिंटन, कुश्ती, मुक्केबाजी और निशानेबाजी में पदक मिल सकते हैं.

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