पटना : वरिष्ठ संवाददाता
बिहार में सीएम नीतीश कुमार पांच साल बाद 12 जुलाई से फिर से जनता की आवाज सुनने के लिए दरबार लगाने जा रहे हैं. यह कार्यक्रम हर महीने के पहले दूसरे और तीसरे सोमवार को 4 केजी स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित होगा. यह कार्यक्रम दिन में 11 बजे से शुरू कर दिया जाएगा. इसके पहले यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग में होता था.
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम शुरू करने की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस स्थल पर आने वालों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. इससे पहले अप्रैल 2006 से मई 2016 तक मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने खुद पटना में पत्रकारों से कहा कि
“लगातार दो कार्यकाल तक हम हर सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम करते रहे. महीने में तीन सोमवार को यह कार्यक्रम होता था. फिर लोगों के लिए लोक शिकायत निवारण कानून हमने बनाया. इसके बाद लगा कि जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की कोई आवश्यकता नहीं है तो 2016 से इसे बंद कर दिया गया. लेकिन, बाद में कई जगह लोगों ने कहा कि जनता दरबार होना चाहिए. इसके बाद 2020 विस चुनाव के बाद हमने एलान कर दिया था कि इसे फिर से शुरू करेंगे. जनता दरबार और पहले से ही हम शुरू करते पर, कोरोना का दौर के चलते इसमें बाधा हुई. अब अगले सोमवार से हम इसे शुरू करने वाले हैं. इसकी तैयारी को लेकर हमने सबकुछ देख लिया है और एक-एक चीज पदाधिकारियों को बता दिया है.”
कोरोना काल में इन नियमों का पालन करना होगा
जनता दरबार में आने वालों के लिए जिला प्रशासन को वाहन की व्यवस्था करेगा. कोरोना को देखते हुए इस बार कुछ खास नियम भी बनाये गये हैं. मुख्य सचिव टी. शरण ने बताया कि जनता दरबार में आनेवाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट के साथ कोरोना का टीकाकरण कराना आवश्यक होगा और इसकी जिम्मेदारी संबंधित जिलाधिकारी की होगी. इसके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय को प्राप्त आवेदनों को डीएम को भेज दिया जायेगा. आवेदकों को चिह्नित कर उनकी आरटीपीसीआर जांच और टीकाकरण सुनिश्चित कराया जायेगा. पटना से दूरवर्ती जिलों के आवेदक एक दिन पहले पटना के निकट के जिलों में भेज दिया जाएगा. वहां पर उनको रहने की व्यवस्था होगी. पटना के समीप के जिलों के आवेदक जो एक दिन में आ सकते हैं, सीधे जनता दरबार में पहुंचेंगे.
इस बार के जनता दरबार में एक दिन में अधिकतम 300 से 400 आवेदकों को ही आमंत्रित किया जाएगा. इसके लिए मोबाइल एप से अपनी समस्या और शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था की गई है और जिन आवेदकों के पास मोबाइल की सुविधा नहीं होगी वैसे आवेदक अपने प्रखंड विकास पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी और जिला पदाधिकारी कार्यालय में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. वहां संबंधित अधिकारी द्वारा आवेदक के शिकायत को मोबाइल ऐप में प्रविष्ट किया जाएगा, जिसके लिए आवेदक को आधार संख्या और मोबाइल नंबर देना होगा. आवेदकों द्वारा प्राप्त सभी आववेदन संबंधित पदाधिकारियों को मिलेगा, जिन्हें वे मोबाइल एप अथवा वेबसाइट पर लॉगिन कर देख सकेंगे. आवेदन अस्वीकृत होने की स्थिति में आवेदक को कारण के साथ इसकी सूचना भी दी जाएगी.
दिन के हिसाब से विभागों की सुनवाई तय हुआ
पहले सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, कारा विभाग, मद्य निषेध विभाग, निगरानी विभाग खान एवं भूतत्व विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित सुनवाई होगी.
दूसरे सोमवार को श्रम संसाधन विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग, कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग तथा समाज कल्याण विभाग, से संबंधित मामलों की सुनवाई होगी.
तीसरे सोमवार को ऊर्जा, पथ निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, कृषि, सहकारिता, पशु एवं मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण, परिवहन, आपदा प्रबंधन, वन एवं जलवायु परिवर्तन, योजना विकास, भवन निर्माण, पर्यटन, सूचना एवं जनसंपर्क, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, नगर विकास एवं आवास, वाणिज्य तथा सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित मामलों की सुनवाई होगी.
