मुन्ना शर्मा
लोजपा में टूट का साइड इफ़ेक्ट बिहार कि राजनीति में साफ देखा जा रहा है। कांग्रेस विधायकों में कुछ के पाला बदलने की आशंका से कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व अब एक्शन में है। इसी को लेकर राहुल गांधी बिहार के पार्टी विधायकों और विधान पार्षदों से कल बुधवार को मुलाकात करेंगे । बिहार कांग्रेस पार्टी के सभी 19 विधायक और तीन विधान पार्षद आज मंगलवार को दिल्ली पहुंच जाएंगे। बुधवार को उनकी राहुल गांधी से मुलाकात होगी। प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा भी इस टीम में शामिल हैं। वे विधान परिषद के सदस्य भी हैं।
हाल के दिनों में कांग्रेस विधायक दल में टूट की खबरों के बीच राहुल की इस पहल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि कांग्रेस के विधायक इसे सामान्य मुलाकात बता रहे हैं। उनके मुताबिक पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी से विधायकों की मुलाकात नहीं हो पाई है। बेशक मुलाकात के दौरान राजनीति पर ही बात होगी, लेकिन इस मुलाकात का रिश्ता उन खबरों से नहीं है, जिनके मुताबिक कांग्रेस विधायक दल में टूट की गुंजाइश है।
प्रदेश कांग्रेस के संगठन में बदलाव की संभावना है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने संगठन के लिए एक पैनल राहुल गांधी को सौंपा है। संभव है कि नए अध्यक्ष के नाम पर राहुल गांधी अपने विधायकों से विमर्श करें। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है। इससे पहले नए अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है।
गौरतलब है कि 2020 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद से राहुल गांधी से विधायकों की मुलाकात नहीं हो पाई है। इस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। कांग्रेस ने महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव में हाथ आजमाया था। चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस मात्र 19 सीटों पर सिमट गई। इसके बाद से कांग्रेस संगठन में बदलाव की खबर लगातार आ रही थी। अब इसी को लेकर राहुल गांधी से बिहार के विधायकों की मुलाकात होनी है।
बिहार में अध्यक्ष के दौर में ये नाम हैं शामिल
डॉ समीर सिंह को पार्टी बिहार की कमान सौंप सकती है।
बिहार में जाति आधारित अध्यक्ष का चयन होता रहा है। ब्राह्मण जाति से मदन मोहन झा अभी अध्यक्ष हैं, जिनका कार्यकाल सितम्बर में ख़तम हो रहा है। नए अध्यक्ष को लेकर कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने मंथन किया लेकिन अभी तक रिजल्ट नहीं सामने आया है। अध्यक्ष के रेस में अनिल शर्मा , विधान पार्षद डॉ समीर सिंह ,अशोक राम ,के साथ तारिक अनवर भी शामिल हैं। अभी तक बिहार में अति पिछड़ों , ब्राह्मण , भूमिहार जाति से लगातार अध्यक्ष बनते रहे हैं। राजपूत जाति से अभी तक कोई अध्यक्ष नहीं बना है। राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह के सहारे राजपूत वोट बैंक को मजबूत करने में जुटी है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार राजपूत जाति से आने वाले और तीन पीढ़ी से कांग्रेस के वफादार नेता वर्तमान विधान पार्षद डॉ समीर सिंह को पार्टी बिहार की कमान सौंप सकती है। डॉ समीर सिंह के पिता स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद सिंह , विदेश्वरी दुबे के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में वरिष्ठ मंत्री थे, जबकि बाबा स्वर्गीय बनारसी प्रसाद सिंह मुंगेर से कई बार सांसद रहे थे। पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस 19 सीटों पर जीती। इसमें किसी नेता का जादू नहीं था बल्कि प्रत्याशी की अपनी पहचान काम आया। पार्टी से जुड़े कैडर वोट अभी भी किसी ऐसे अध्यक्ष कि तलाश में है जो पार्टी को पटरी पर ला सके।