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सीबीएसई ने अकादमिक सत्र को 50-50 प्रतिशत सिलेबस के अनुसार दो भागों में बांटकर साल में दो बार एग्जाम लेने का फैसला किया है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड #CBSE ने 2021-22 सत्र की 10वीं और 12वीं की बोर्ड की परीक्षाओं के लिये विशेष मूल्यांकन योजना घोषित कर दी है. सीबीएसई ने कहा कि अकादमिक सत्र (एकडमिक सेशन) को 50 -50 प्रतिशत सिलेबस के अनुसार दो भागों (टर्म) में बांटकर पहले टर्म की परीक्षा नवंबर-दिसंबर में जबकि दूसरी टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल में ली जाएगी. सीबीएसई ने इस संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश आज, 5 जुलाई 2021 को जारी कर दिए हैं.
सीबीएसई ने नए शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए यह बड़ा बदलाव किया है. अब अगले साल भी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन की सहायता से तैयार होगा. यानी 10वीं रिजल्ट के लिए 9वीं के मार्क्स और 12वीं रिजल्ट के लिए 11वीं के मार्क़्स का भी अहम योगदान होगा. नया सत्र 50 फीसदी पाठ्यक्रम के साथ दो सत्रों में बंटा होगा और प्रत्येक सत्र के अंत में 50 पर्सेंट सिलेबस की ही परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
बता दें कि इस साल कोरोना महमारी के कारण सीबीएसई से जुड़े लगभग सभी स्कूलों को ऑनलइन क्लासेस चलानी पड़ी हैं और इसको ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने सत्र 2021-22 के लिए भी वैकल्पिक तरीके से बोर्ड रिजल्ट जारी करने की योजना बनाई है. सीबीएसई दिशा-निर्देशों के अनुसार 50 फीसदी पाठ्यक्रम वाली दो टर्म एंड परीक्षाएं होंगी. 90 मिनट के टर्म-1 की परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) होंगे तथा दो घंटे के टर्म-2 की परीक्षा को वार्षिक परीक्षा माना जाएगा. साथ ही पिछले साल की तरह सत्र 2021-22 के लिए भी पाठ्यक्रम घटाया जाएगा. आंतरिक मूल्यांकन, प्रैक्टिकल परीक्षाएं, प्रोजेक्ट वर्क और ज्यादा भरोसेमंद व मान्य बनाने की कोशिश की जाएगी.