दिल्ली: डॉ. निशा सिंह
संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से आरंभ होगा और 13 अगस्त तक चलेगा. लोकसभा और राज्यसभा दोनों की ओर से जारी आधिकारिक आदेश जारी किए गए हैं. लोकसभा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 17वीं लोकसभा का छठा सत्र 19 जुलाई को आरंभ होगा. सत्र का समापन 13 अगस्त को हो सकता है. राज्यसभा के आधिकारिक आदेश में कहा गया है, “राष्ट्रपति ने राज्यसभा की बैठक को 19 जुलाई को आहूत किया है. सत्र का समापन 13 अगस्त को होना है.” मानसून सत्र का आयोजन कोविड संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए होगा और सामाजिक दूरी का ख्याल रखा जाएगा. दोनों सदनों की बैठक एक ही समय पर होगी. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा के 444 और राज्यसभा के 218 सदस्यों को टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है. राज्यसभा की ओर से बताया गया है कि इस सत्र में कुल 19 बैठकें होंगी.
लोकसभा में कांग्रेस के अधीर की जगह दूसरे नेता संभालेंगे कमान
अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं. कांग्रेस विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने को तैयार है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता के तौर पर अधीर को बदलने के संबंध में शीर्ष स्तर पर कोई फैसला नहीं हुआ है. अधीर कांग्रेस की बंगाल इकाई के अध्यक्ष भी हैं. बंगाल में भी नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है. अलबत्ता, जी-23 के कुछ नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में बदलाव का अनुरोध जरूर किया था. इससे पहले मीडिया में इस तरह की खबरें आई थीं कि कांग्रेस लोकसभा में पार्टी के नेता को बदलने की तैयारी में है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बारे में जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं. इसके तहत अधीर रंजन चौधरी को हटाकर लोकसभा में किसी और दिग्गज नेता को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है.
मॉनसून सत्र में हर दिन संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे 200 किसान, विपक्ष को भेजेंगे चेतावनी पत्र
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान संसद के बाहर केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ रोज करीब 200 किसानों का एक समूह प्रदर्शन करेगा. कृषि कानूनों के विरोध में 40 से ज्यादा किसान संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में पिछले कई महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. एसकेएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सत्र शुरू होने के दो दिन पहले सदन के अंदर कानूनों का विरोध करने के लिए सभी विपक्षी सांसदों को एक चेतावनी पत्र दिया जाएगा. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ‘हम विपक्षी सांसदों से भी 17 जुलाई को सदन के अंदर हर दिन इस मुद्दे को उठाने के लिए कहेंगे, जबकि हम विरोध में बाहर बैठेंगे. हम उनसे कहेंगे कि संसद से बहिर्गमन कर केंद्र को लाभ न पहुंचाएं. जब तक सरकार इस मुद्दे का समाधान नहीं करती तब तक सत्र को नहीं चलने दें.’