न्यूज डेस्क
अमेरिकी सीनेट ने चीन जैसे देशों से टेक्नोलॉजी की चुनौती से निपटने के लिए विधेयक पारित किया है जिस पर चीन ने कहा है कि वह ऐसी किसी चीज को स्वीकार नहीं करेगा जो उसकी संप्रभुता, सुरक्षा या विकास हितों को नुकसान पहुंचाती हो. चीन और दूसरे देशों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर अमेरिकी टेक्नॉलजी को मजबूत करने के लिए अमेरिका के सीनेट ने विधेयक पारित किया है. इस पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विधेयक चीन की घरेलू राजनीति पर परोक्ष हमला और इसके विकास को रोकने पर केंद्रित है. चीन की विदेश मामलों की समिति ने बयान जारी कर अमेरिकी नवोन्मेष और प्रतिस्पर्धा विधेयक पर ‘कड़ी आपत्ति और कड़ा विरोध व्यक्त किया.’ अमेरिका में इस विधेयक को मंगलवार को सीनेट ने पारित कर दिया था.
विधेयक पर चीन ने कड़ा ऐतराज जताया
चीन ने बयान में कहा कि किसी को भी यह नहीं सोचना चाहिए कि चीन ऐसी किसी चीज को स्वीकार करेगा जो उसकी संप्रभुता, सुरक्षा या विकास हितों को नुकसान पहुंचाती हो. चीन ने विधेयक में ताइवान का समर्थन किए जाने और हांगकांग का जिक्र किए जाने की भी निन्दा की. ताइवान को चीन जहां अपना हिस्सा बताता है, वहीं हांगकांग में उस पर लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं. चीन ने कहा कि
“अमेरिका के आधिपत्य को बनाए रखने के उद्देश्य से इस विधेयक में मानवाधिकार के बहाने चीन से तथाकथित खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है जिससे कि चीन की घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप किया जा सके और चीन को विकास के वैध अधिकार से वंचित किया जा सके. ये सभी मुद्दे ‘पूरी तरह चीन के आंतरिक मामले हैं और इसमें किसी विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा.”
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विधेयक में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है जो चीन के विकास पथ को बाधित करने और उसकी घरेलू तथा विदेश नीति में हस्तक्षेप का प्रयास है.