न्यूज़ डेस्क
भारतीय कानूनों के मुताबिक चलने की सोशल मीडिया कंपनियों को मिली 3 महीने की मियाद 25 मई को खत्म हो रही है। आईटी मंत्रालय के नए नियम 26 मई से लागू हो जाएंगे और अगर इन सोशल मीडिया कंपनियों ने नियमों का पालन नहीं किया तो मध्यस्थ के रुप में अपनी सुरक्षा और अपना स्टेटस खो देंगी फिर भारतीय अपराधिक कानूनों के तहत उन पर कारवाई की जाएगी।
देश के आईटी मंत्रालय ने 25 फरवरी को एक गाइडलाइन और डिजिटिल मीडिया एथिक्स कोड रुल जारी किए थे.तब इन सोशल मीडिया कंपनियो को तीन महीने दिए गए थे ताकि वो भारतीय नियमों और कानूनो के मुताबिक काम शुरू कर दें. इन नियमो के मुताबिक पहला कंपनियो को अपने संपर्क और एक भारत में पते के साथ एक अधिकारी को नियुक्त करना था. इसमें एक कंपायल आफिसर, एक नोडल काटेक्ट पर्सन और शिकायत दूर करने वाले अधिकारी नियुक्त करना था. और इन अधिकारियो को भारत में रहना था. तीन महीने की समय सीमा समाप्त होने वाली है.अभी तक सिर्फ एक भारतीय कंपनी कू ने इन सब नियमों का पालन करके नियुक्ति की है. कुछ प्लेटफार्म ने 6 महीने का ओर समय मांगा था. लेकिन कुछ मीडिया प्लेटफार्म सहयोग नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपने कंपनी के अमेरिका स्थित मुख्यालय के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं. और वो इन नियमों का आंकलन कर रहे हैं।
भारत सरकार का मानना है कि ये कंपनिया भारत में व्यापार करती हैं लेकिन शिकायत सुनने के लिए वो अमेरिका से निर्देशो का इंतजार करती है। टविटर जैसी कंपनी के काम कोई पारदर्शिता और न ही फेक्ट चेक करने वाले लोगों के नाम वो सार्वजनिक करती हैं,हालांकि ये कंपनिया कहतीं है कि वो मध्स्थ की भूमिका में हैं लेकिन वो भारतीयकानूनों और संविधान का पालन नहीं करती हैं और अपने कायदे पर चलती हैं. अब भारत में ये रूल आईटी मंत्रालय का 26 मई को लागू हो जाएगा। अगर सोशल मीडिया कंपनियां इनको नहीं मानती ,जो सुरक्षा उन कंपनियो को मध्यस्थ(Intermediary ) के रूप में मिली हुई हैं.
उसके बाद वो मौजूदा कानूनों के तहत इन कंपनियों के खिलाफ क्रिमिनल कार्यवाही की जा सकेगी।