दिल्ली : विशेष संवाददाता
आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली, यूपी और हरियाणा सरकार को आदेश दिया है की दिल्ली एन सी आर में जो प्रवासी मजदूर रह रहे है उनको चिन्हित किया जाए और मुफ्त राशन दिया जाए। दिल्ली एन सी आर में कुछ हफ्तों से लॉक डाउन है जिससे प्रवासी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है ।रोजाना कमाने वाले मजदूर या तो मुश्किल हाल में दिन गुजार रहे है या अपने गांव वापस जाने की सोच रहे हैं । ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए, सरकार की योजनाओं का इन लोगों की मदद के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। दिल्ली में लाखों के तादात में प्रवासी मजदूर रहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और तीनों राज्यों को आदेश दिया है कि दिल्ली एनसीआर में मौजूद मजदूरों को मुफ्त राशन दिया जाए और इसके लिए किसी तरफ के रिहायशी या दूसरे दस्तावेज न मांगे जाए। सरकार मजदूरों की मदद के लिए आत्म निर्भर भारत योजना का इस्तेमाल कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि साथ ही कुछ जगहों पर सामुदायिक रसोई खोली जाए जहां लोगों को दो वक्त मुफ्त खाना मिले। सामुदायिक रसोई के बारे में हर जगह इश्तहार लगाई जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा तादाद में मजदूर इसका लाभ उठा सकें। सरकार पुलिस की मदद से प्रवासी मजदूरों को चिन्हित करे और जो लोग वापस अपने गांव जाना चाहते है उनके लिए व्यवस्था की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा, गुजरात, ओढिशा, बिहार और महाराष्ट्र सरकार से 10 दिन में जवाब मांगा है। सरकारों को बताना होगा कि उनके राज्य में मजदूरों की क्या स्थिति है और सरकार उनकी मदद कैसे कर रही है।
आपको बता दें कि पिछले साल जब मजदूर बड़ी तादाद में मुश्किल हालात में पलायन कर रहे थे तब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत संज्ञान लिया था। आज इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। पिछले साल जुलाई में अदालत ने सरकार को मजदूरों के लिए कई सारी लाभकारी योजनाएं शुरू करने के लिए कहा था। लेकिन आज खुद सुप्रीम कोर्ट ने कहा की उन आदेशों पर ठीक से अमल नहीं हुआ है। कोर्ट में कहा कि सरकारों के जवाब आने के बाद अगली सुनवाई 24 मई को होगी।