पटना : प्रवीण सिन्हा
बिहार के स्कूली बच्चों का ऑनलाइन शिक्षण भी कोरोना संक्रमण की वजह से खासा प्रभावित हो गया है. बड़ी संख्या में शिक्षकों व कर्मियों के कोरोना संक्रमण हो जाने से कई बड़े स्कूलों की ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था दम तोड़ने लगी है तो कई स्कूलों ने इस सिस्टम को फिलहाल इसे स्थगित कर दिया है. बिहार सरकार ने 18 अप्रैल को ही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की भयावहता को देखते हुए राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग और अन्य शिक्षण संस्थानों को 15 मई तक के लिए बंद कर दिया है. सरकार के आदेश के मुताबिक स्कूल, कॉलेज तो बंद रहेंगे, लेकिन शिक्षक और प्राचार्य आते रहेंगे. अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान एवं शैक्षणिक संस्थान 15 मई तक बंद रहेंगे, हालांकि ऑनलाइन शैक्षणिक कार्यक्रम पूर्ववत चलते रहेंगे.
यह हाल राज्य के कई बड़े निजी स्कूलों का भी है. वहीं सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के भी लगातार कोरोना पॉजिटिव होने के मामले सामने आ रहे हैं. इसकी वजह से कई सरकारी स्कूलों में ताला लगाने की नौबत आ गयी है. शिक्षा विभाग के मुख्यालय और जिलों में विभिन्न पदों पर कार्यरत पदाधिकारियों के भी संक्रमित हो जाने से अब कामकाज पर भी इसका असर पड़ने लगा है. गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण 5 अप्रैल से ही प्रदेश के सभी सरकारी व निजी स्कूल, कॉलेज तथा शिक्षण संस्थान बंद हैं. सरकारी स्कूलों में जहां 33 फीसदी शिक्षक रोज स्कूल खोलने पहुंच रहा, लेकिन शिक्षण पूरी तरह बंद है. वहीं, सभी बड़े निजी स्कूल नए सत्र की पढ़ाई ऑनलाइन आरंभ कर चुके हैं. मंझोले और छोटे निजी स्कूलों का हाल सरकारी सरीखा ही है. बात राजधानी पटना की ही करें तो यहां जिन स्कूलों द्वारा बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही थीं, उनमें से कइयों ने तत्काल इन्हें स्थगित कर दिया है. कारण कि उनके कई शिक्षक और कर्मी कोरोना संक्रमित हो गए हैं. बांकीपुर, पटना स्थित संत जोसेफ कान्वेंट हाईस्कूल ने 2 मई तक के लिए ऑनलाइन कक्षाएं ठप कर दी हैं.
कोरोना संक्रमण से जवाहर नवोदय विद्यालय और केन्द्रीय विद्यालय के शिक्षक भी आक्रांत हैं. हालांकि केवी ने अपने शिक्षकों को अब स्कूल न आकर घर से पढ़ाने की छूट दे दी, लेकिन बेली रोड और कंकड़बाग मेन ब्रांच में भी कई शिक्षक-कर्मी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं.