न्यूज़ डेस्क
भारत में 1 अप्रैल से कोरोना के टीके लगाने की रफ्तार तेज होने जा रही है. केंद्र सरकार ने आज साफ किया कि 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को सबसे ज्यादा कोरोना के संक्रमण का खतरा है. केंद्र सरकार के मुताबिक देशभर में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या लगभग 34 करोड़ है. आंकड़े बताते हैं कि देश में कोरोना से होने वाली मौतों में 88 फीसदी मौत 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की हुई हैं. केंद्र सरकार के मुताबिक 45 से उपर लोग के लोगों को कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि 45 साल से ज्यादा के लोगों को कोरोना का टीका 1 अप्रैल से लगाने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है. खास बात ये है कि इस उम्र की कटेगरी के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए किसी भी तरह की बीमारी का प्रमाणपत्र नहीं देना पड़ेगा. अभी तक 45 से 60 साल की उम्र के लोगों को वैक्सीन के लिए गंभीर बीमारी का प्रमाणपत्र देना पड़ता है. तभी उन्हें वैक्सीन लगाई जाती है, लेकिन केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की सलाह पर बीमारी का प्रमाणपत्र देने की शर्त हटा दी.
देश में अभी तक 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है. लगभग हर रोज वैक्सीनेशन के आंकड़ों में इजाफा किया जा रहा है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि एक बार फिर देश के कई राज्यों में कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में केद्र सरकार का मानना है कि कोरोना को लेकर जारी हुई गाइडलाइऩ का सख्ती से पालन करने के अलावा वैक्सीन ही दूसरा रास्ता है. यही वजह है कि सरकार की कोशिश वैक्सीन ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की है.