न्यूज डेस्क
2024 के लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को रिमोट वोटिंग की सुविधा भी दी जा सकती है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा है कि अगर कोई मतदाता किसी कारण पोलिंग बूथ पर नहीं पहुंच पाता है, तो वो इस रिमोट वोटिंग का इस्तेमाल कर अपने मत का प्रयोग कर सकता है. उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग अगले 6 महीने से एक साल में प्रवासी भारतीयों के लिए वोटिंग की सुविधा भी शुरू कर सकता है. प्रवासी भारतीयों के लिए वोटिंग प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय के पास भेज दिया है. इसके तहत प्रवासी भारतीय ई- पोस्टल बैलेट से अपने मत का इस्तेमाल कर सकेंगे.
सुनील अरोड़ा ने कहा कि, 2024 के लोकसभा चुनावों में कुछ मतदाताओं को रिमोट वोटिंग की सुविधा दी जा सकती है, जो किसी कारण से पोलिंग बूथ पर नहीं पहुंच पाते हैं,वो इस रिमोट वोटिंग द्वारा अपने मत का प्रयोग कर सकते हैं. हालांकि रिमोट वोटिंग या इंटरनेट आधारित वोटिंग के द्वारा घर बैठे वोटिंग की सुविधा देना इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य नहीं है. सुनील अरोड़ा ने संसद रत्न अवॉर्ड-2021 के कार्यक्रम में में कहा,
“आईआईटी चेन्नई व अन्य आईआईटी संस्थान के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम इस रिमोट वोटिंग या ब्लॉकचेन वोटिंग सिस्टम पर जोर शोर से काम कर रही है. हमें उम्मीद है कि इसका पहला पायलट प्रोजेक्ट अगले दो-तीन महीनों में शुरू हो जाएगा.”
“देश भर में स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव सुनिश्चित करने के लिए वोटिंग में पारदर्शिता और गोपनीयता हमेशा से ही चुनाव आयोग के लिए अहम रही है. इस परियोजना का उद्देश्य न तो इंटरनेट आधारित मतदान है और न ही इसमें घर से मतदान करने का विकल्प शामिल है.”
अरोड़ा ने बताया कि मतदान के इस नए विकल्प के लिए कुछ प्रक्रियात्मक बदलाव भी होगा, लेकिन इससे पहले राजनीतिक दलों से विचार विमर्श किया जाएगा. रिमोट वोटिंग में ‘ब्लॉकचेन’ तकनीक से वोटिंग की जाएगी, जिसके लिए लोगों को आयोग द्वारा चिह्नित जगहों पर जाना होगा. वहां पर बायोमीट्रिक अटेंडेंस और वेब कैमरे पर फोटो खिंचने के बाद वोट डालने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श के बाद आयोग जल्द ही इस तरह के मतदान के अंतिम मॉडल को आकार देगा.