डॉ. निशा सिंह
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नई अखिल भारतीय कार्यकारिणी का चुनाव आज बैंगलोर में होगा. एक दशक से ज्यादा वक्त से भैया जी जोशी सरकार्यवाह हैं. आरएसएस की टीम का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है और हर 3 साल के बाद संघ के सर संघचालक अपनी टीम का चुनाव करते हैं. ये चुनाव हमेशा अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की मीटिंग में किया जाता है. अभी तक ये मीटिंग नागपुर संघ मुख्यालय में ही होती आई है, लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते ये मीटिंग संघ के इतिहास में पहली बार नागपुर से बाहर आयोजित की जा रही है. सूत्रों के अनुसार दत्तात्रेय होसबोले नये सरकार्यवाह चुने जा सकते हैं.
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुक्रवार को शुरू गई है. संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि कोविड-19 की वजह से अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग नियम हैं। महाराष्ट्र के कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए इस बार यह बैठक नागपुर में नहीं कराने का फैसला किया गया है. वहां कोरोना केस भी तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए यह चुनावी बैठक इस साल बेंगलुरु में हो रही है. महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना गाइड लाइन के तहत महाराष्ट्र आने वाले लोगों के लिये बड़ी भीड़ पर रोक लगाई हुई है और संघ की इस मीटिंग में बड़ी संख्या में प्रचारक और पदाधिकारी शामिल होते हैं. ऐसे में इस साल नागपुर में ये मीटिंग करना संभव नहीं था, इसलिये संघ ने इस मीटिंग को बैंगलोर में करने का निर्णय लिया और इस बार इस मीटिंग के लिये अधिकतम संख्या क़रीब 550 तक ही रखने का निर्णय लिया गया है.
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संघ प्रमुख के बाद दूसरे नम्बर पर सर कार्यवाह (महासचिव) की ज़िम्मेदारी होती है. माना जा रहा है कि इस बार संघ प्रमुख मोहन भागवत अपनी नई टीम में कई बड़े बदलाव कर सकते हैं. इस बार की प्रतिनिधि सभा की मीटिंग में सभी की निगाहें संघ के सर कार्यवाह और सह सर कार्यवाहों के बदलाव पर रहेंगी, क्योंकि अभी भी संघ का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि भईया जी जोशी अपनी ज़िम्मेदारी निभाते रहें. वहीं सूत्रों की मानें तो भईया जी जोशी स्वास्थ्य कारणों से अपने लिये नई भूमिका चाहते हैं. इसके साथ ही मीटिंग में देश की राजनीतिक स्थिति, आंतरिक और बाह्य परिस्थितियों के साथ साथ पर्यावरण और कोरोना परिस्थितियों पर प्रस्ताव भी पास किये जा सकते हैं.
एक दशक से ज्यादा वक्त से भैया जी जोशी सरकार्यवाह हैं. चर्चा है कि इस बार संघ को कोई नया सरकार्यवाह मिल सकता है. हालांकि तीन साल पहले भी इसी तरह की चर्चा थी लेकिन तब भी भैयाजी जोशी ही चुने गए थे. संघ के इतिहास में आज तक कभी वोटिंग की नौबत नहीं आई है. हर बार सरकार्यवाह का चुनाव निर्विरोध ही हुआ है. सूत्रों के अनुसार दत्तात्रेय होसबोले नये सरकार्यवाह चुने जा सकते हैं. नए नए सरकार्यवाह का चुनाव होने के बाद वह अपनी नई टीम का ऐलान कर सकते हैं. इस बार प्रतिनिधि सभा में संख्या भी कम रखी गई है.
सूत्रों के मुताबिक बैठक में आर्थिक प्रस्ताव भी आ सकता है, क्योंकि कोविड-19 के दौर में अर्थव्यवस्था पर मार पड़ी है. एक प्रस्ताव सामाजिक समरसता को लेकर भी आ सकता है। राम मंदिर का भी जिक्र होगा जिसमें राम मंदिर ट्रस्ट और भव्य मंदिर बनाने के लिए समाज के सहयोग और निधि समर्पण अभियान की बात होगी.