पटना : न्यूज़ डेस्क
आज बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के आदेश पर मनोनयन कोटे के 12 विधान पार्षदाें के नाम का एलान कर दिया गया. जनता दल यूनाइटेड के पांच पुराने सदस्यों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से मौका दिया है, जबकि हाल ही में अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के साथ जेडीयू में आए उपेंद्र कुशवाहा को भी पार्टी ने एमएलसी बनाया है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से मात्र एक पूर्व एमएलसी राजेंद्र गुप्ता दूसरी बार एमएलसी बनाए गए हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मिथिलेश साहू ने एमएलसी के नामों की अधिसूचना जारी कर दी है.
जेडीयू ने उपेंद्र कुशवाहा, संजय गांधी, ललन सर्राफ, राम वचन राय, अशोक चौधरी और संजय सिंह को राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनाया है. जेडीयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा पहली बार एमएलसी बनाए गए है. संजय सिंह, संजय कुमार सिंह, ललन सर्राफ, राम वचन राय और मंत्री अशोक चौधरी पूर्व में एमएलसी रह चुके हैं. बीजेपी की बात करें तो उसकी लिस्ट में डॉ. राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह, निवेदिता सिंह, देवेश कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार तथा घनश्याम ठाकुर के नाम शामिल हैं. बीजेपी ने पांच नए नेताओं को विधान परिषद की नुमाइंदगी सौंपी है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता और प्रमोद चंद्रवंशी उच्च सदन में भेजे गए हैं. दो महामंत्री जनक राम और देवेश कुमार को भी पार्टी ने एमएलसी बनाया है. बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी निवेदिता सिंह और मधुबनी जिले के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष घनश्याम ठाकुर को भी पार्टी ने उच्च सदन भेजा है.
बजट सत्र से पहले नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल में बहुत विलंब के बाद सभी की निगाहें राज्यपाल कोटे से विधान परिषद की 12 सीटों के मनोनयन पर थी, जो मई 2020 से खाली थी.
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में अंतिम चरण की वोटिंग से पहले नीतीश सरकार के दो मंत्री अशोक चौधरी और नीरज कुमार की कुर्सी छीन गई थी. संवैधानिक बाध्यता के चलते इन दोनों सदस्यों का मंत्री पद खत्म किया गया है. ये दोनों बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे. दोनों की सदस्यता छह मई 2020 को खत्म हो गई है. संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य रहे बगैर कोई छह महीने से ज्यादा मंत्री पद पर नहीं रह सकता. हालांकि अशोक चौधरी फिर से नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल हो गए.