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साहित्य अकादमी ने 20 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा कर दी है. अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव ने बयान जारी कर बताया कि ये पुरस्कार 2 जनवरी 2014 से 31 दिसंबर 2018 के मध्य प्रथम बार प्रकाशित हुई पुस्तकों के लिए दिए जाएंगे. कुल 21 लेखकों को 20 भाषाओं के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. बाल साहित्य पुस्कार की श्रेणी में 21 लेखकों को तथा साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार में 18 लेखक सम्मानित होंगे. उन्होंने बताया कि साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, पांच कहानी-संग्रह, दो नाटक, एक संस्मरण और एक महाकाव्य का चयन हुआ है. बिहार की अनामिका, कमलकांत और हुसैन-उल-हकक को साहित्य पुरस्कार मिला है.
इसमें बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली अनामिका को साहित्य का सर्वोच्च सम्मान दिया गया है. वे हिंदी में कविता संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाली देश की पहली महिला साहित्यकार बन गई हैं. अनामिका के अलावा मधुबनी के रहने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार कमलकांत झा को भी वर्ष 2020 के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है.
उर्दू साहित्यकार हुसैन उल हक को उर्दू उपन्यास अमावस में ख्वाब के लिए सम्मानित किया गया है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के तीन साहित्यकारों को साहित्य अकादमी पुरस्कार का मिलना गौरव की बात है. बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली अनामिका को यह सम्मान उनकी हिंदी कविता संग्रह टोकरी में दिगंत – थेरीगाथा के लिए दिया गया है. कविता संग्रह ‘टोकरी में दिगन्त’ 2014 में प्रकाशित हुआ था. 1961 में जन्मी अनामिका दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज में अंगेजी की प्राध्यापिका हैं. उन्होंने कविता के साथ उपन्यास और कहानियां भी लिखी हैं.
कमलकांत झा को मैथिली के लिए 2020 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है. उन्हें उनकी रचना ‘गाछ रूसल अछि’ के लिए यह सम्मान दिया गया है. बता दें साहित्य अकादमी द्वारा हर साल मनाया जाने वाला साहित्योत्सव इस इस साल 12 से 14 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है. यह पुरस्कार 1 जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2018 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों पर दिया गया है. साहित्य अकादमी चयन समिति में शामिल 18 भारतीय भाषाओं के साहित्यकारों ने साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में इन पुरस्कारों की घोषणा की है.