विशेष संवाददाता
उत्तराखंड में चल रही राजनीतिक उठापठक को लेकर नई खबर सामने आ रही है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि कल 9 मार्च को दिल्ली में भाजपा की पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक हो सकती है जिसमें उत्तराखंड को लेकर कुछ कड़े फैसले हो सकते है। सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की छुट्टी होने वाली है ? खबर इसलिए तेज है कारण कि बिना किसी सूचना के अचानक देहरादून में बीजेपी के केन्द्रीय टीम पहुंची और हाईलेवल मीटिंग हुई। इस वक्त मुख्यमंत्री रावत विधान सभा के बजट सत्र में व्यस्त थे उन्हें तुरंत बुलाया गया। अब ये कयास लगाया जा रहा है कि बीजेपी अब चार साल मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे त्रिवेंद्र रावत की जगह दूसरे नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। 18 मार्च को त्रिवेंद्र रावत अपना कार्यकाल पूरा करने वाली है।
आपको बता दें कि कल देहरादून में अचानक प्रदेश इकाई की कोर ग्रुप की यह बैठक हुई जो कि पहले से प्रस्तावित नहीं थी और यह ऐसे समय बुलाई गई जब प्रदेश की नई ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में राज्य विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र चल रहा था। दो घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कोर ग्रुप की बैठक में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, टिहरी से लोकसभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक सहित राज्य संगठन के भी अहम नेता मौजूद रहे.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि रमन सिंह ने कोर ग्रुप की बैठक में मौजूद हर सदस्य से अलग—अलग बातचीत की. बाद में रमन सिंह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में भी गए जहां पार्टी के करीब 40 विधायक मौजूद थे. कोर ग्रुप की बैठक के बाद सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय भी गए. पर्यवेक्षकों के दिल्ली वापस लौटने के बाद माना जा रहा है आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। रमन सिंह के दिल्ली लौटने से पहले यहां जौलीग्रांट हवाई अडडा पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उनसे मुलाकात की। इतनी तेजी से घटे घटनाक्रम ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को हवा दे दी। उत्तराखंड के दौरे से लौटे आज भाजपा उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और दूसरे पर्यवेक्षक उत्तराखंड के प्रभारी महासचिव दुष्यंत गौतम अपनी रिपोर्ट भाजपा आलाकमान को सौंप सकते हैं।
कल ही भाजपा आलाकमान ने उत्तराखंड में सरकार और संगठन में व्याप्त असंतोष को ध्यान में रखते हुए दो केंद्रीय नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर देहरादून भेजा था। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह और उत्तराखंड के प्रभारी महासचिव दुष्यंत गौतम ने देहरादून में पूरे दिन चली मैराथन बैठक में कोर कमेटी के सदस्यों की राय ली। मुख्यमंत्री के साथ भी लंबी चर्चा की जिसके बाद देर रात दिल्ली वापस लौट आए. सुतरीन की माने तो उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद पर भाजपा बदलाव कर सकती है जिसे ध्यान में रखते हुए रायशुमारी के लिए ही दो केंद्रीय नेताओं को उत्तराखंड भेजा गया था. सूत्रों की मानें तो 9 मार्च को दिल्ली में भाजपा की पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक हो सकती है जिसमें उत्तराखंड को लेकर कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं। बीजेपी हाईकमान की ओर से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और बीजेपी महासचिव दुष्यंत गौतम को उत्तराखंड में पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया और इन दोनों पर्यवेक्षकों ने 4 बीजेपी सांसदों से चर्चा की. इस सियासी हलचल के बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदलने से लेकर मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल तक की संभावना बन गई है.
त्रिवेंद्र सिंह रावत का राजनीतिक कद कितना है बड़ा
18 मार्च 2017 को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी . शपथ-ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे। उत्तराखंड में इसीसाल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को मात देते हुए 70 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। रावत राज्य में भाजपा के पांचवें मुख्यमंत्री हैं। पार्टी ने उत्तराखंड में अपनी पहली सरकार साल 2000 में बनाई थी, जब उत्तर प्रदेश से अलग होकर यह राज्य बना था। नित्यानंद स्वामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे। त्रिवेंद्र सिंह रावत को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का करीबी माना जाता है। 2014 के लोकसभा के दौरान रावत ने शाह के साथ काम किया था.