वरिष्ठ संवाददाता
भारत में जानलेवा कोरोना वायरस फिर बढ़ने लगा है। देश में आज लगातार तीसरे दिन 18 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों में देश में 18 हजार 599 नए केस दर्ज किए गए हैं. वहीं इस महामारी से कल 97 लोगों की मौत हो गई. देश में अबतक दो करोड़ 9 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है .देश में अबतक एक लाख 57 हजार 853 लोगों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना के पॉजिटिव मामलों की संख्या एक करोड़ 12 लाख 29 हजार 398 पहुंच गई है।
इनमें से एक लाख 57 हजार 853 लोगों की मौत हो चुकी है. देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या अब बढ़कर एक लाख 88 हजार 747 हो गई है. वहीं, कुल डिस्चार्ज हुए मामलों की संख्या एक करोड़ 8 लाख 82 हजार 798 है। देश में अबतक कुल दो करोड़ 9 लाख 89 हजार 10 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई है। अभी तक 21 करोड़ 99 लाख 40 हजार 742 सैंपल टेस्ट हुए हैं
विशेषज्ञों की मानें तो इटली, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों में कोरोना वायरस ने कम तापमान के मौसम में रफ्तार पकड़ी थी, लेकिन भारत में इसका ठीक विपरीत दिखाई दे रहा है।
देश में मार्च 2020 में जब कोरोना संक्रमण ने अपने पांव पसारने शुरू किए तो कुछ ही दिन बाद ही देश में लॉकडाउन लगाना पड़ा था । ठीक एक साल बाद एक बार फिर से वैसी ही स्थिति बनती दिख रही है। मार्च में बढ़ते तापमान के साथ ही कोरोना वायरस का असर भी पहले जैसा दिखाई देना लगा है।
विशेषज्ञों की मानें तो इटली, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों में कोरोना वायरस ने कम तापमान के मौसम में रफ्तार पकड़ी थी, लेकिन भारत में इसका ठीक विपरीत दिखाई दे रहा है। पिछले वर्ष मार्च से सितंबर तक रोजाना मिलने वाले संक्रमितों की संख्या एक हजार से बढ़कर 99 हजार तक पहुंच गई थी। इस दौरान देश में हर दिन एक हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो रही थी।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल का कहना है कि कोरोना वायरस के उतार चढ़ाव में मौसम या तापमान भी एक वजह हो सकता है लेकिन इसके अलावा एक और वजह भी है। लोगों का अति विश्वास भी कहीं न कहीं हमें खतरे में डाल सकता है। दिल्ली सहित कई जगहों पर लोगों के व्यवहार में एकदम से आए बदलाव को देखा जा सकता है। लोगों को इस वक्त बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। न कि भीड़ का हिस्सा बनने की।