डॉ. निशा सिंह
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आज लगभग सभी लोगों के पास है, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि पॉलिसी का क्लेम करने या नहीं करने से प्रीमियम बढ़ती – घटती है. स्वास्थ्य बीमाधारक अगर एक पॉलिसी टर्म (एक साल) में कोई दावा नहीं करते हैं तो उनको कई तरह के लाभ मिलते हैं, जिसमें प्रीमियम में छूट सहित कवर की राशि में बढ़ोतरी शामिल हैं. दूसरी तरफ अगर बीमाधारक द्वारा ज्यादा क्लेम किया जाता है तो बीमा कंपनियां प्रीमियम में बढ़ोतरी कर देती है.
क्लेम नहीं करने पर कंपनियां 5 से 20 फीसदी प्रीमियम कम देती हैं
स्वास्थ्य बीमा में एक पॉलिसी टर्म के दौरान दावा नहीं करने पर बीमा कंपनियां सामान्यतः 5 से लेकर 20 फीसदी की छूट प्रीमियम में देती है. साथ ही कवर की राशि में बढ़ोतरी भी कर देते हैं. कोरोना संकट के दौरान कई बीमाधारकों को कम कवर राशि को लेकर परेशानी का सामाना करना पड़ा है. इलाज़ के बढ़ते खर्च को देखते हुए बिना विशेषज्ञों का कहना है कि कवर की राशि बढ़ते रहना चाहिए.
अधिक क्लेम बढ़ने से बढ़ जाता है प्रीमियम की राशि
अगर बीमाधारक द्वारा ज्यादा क्लेम किया जाता है तो बीमा कंपनियां प्रीमियम में बढा देती है. इससे बचने के लिए छोटी-छोटी बीमारी के लिए क्लेम करने से बचना चाहिए. साथ ही बीमा पॉलिसी में गंभीर बीमारी के लिए क्लेम की राशि अधिक होनी चाहिए. आमतौर पर बाजार में उपलब्ध कई बीमा कंपनियों की पॉलिसीज में कुछ गंभीर बीमारियों पर क्लेम की राशि अपेक्षाकृत कम होती है. ऐसे में ग्राहक को बीमा पॉलिसी लेने से पहले इस बारे में पता कर लेना चाहिए और इसके लिए ग्राहक को गंभीर बीमारी की कवर लिस्ट सहित सभी दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए, ताकि भविष्य में परेशानी से बचा जा सके.