पटना : शिवपूजन सिंह
बिहार में अब जमीन के दाखिल- ख़ारिज में केवल नाम में ही बदलाव नहीं होगा, बल्कि जमीन के नक्शा और चौहदी में भी बदलाव होगा. यानी एक ही जमीन को अगर दो भाग करके दो लोगों को बेचा जाएगा तो जमीन के दोनों टुकड़ों के नए मालिकों के नाम के साथ ही नक्शा में भी बदलाव होगा. ये सारी कवायद जमीन के खरीद- बिक्री में होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए किया जा रहा है
इसके लिए बिहार सरकार जल्द टेक्सटूअल म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) के साथ-साथ स्पेसियल म्यूटेशन (स्थानिक दाखिल खारिज) शुरू करने वाली है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है. एक मार्च को इसके लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा.
इस कार्यशाला में उन राज्यों के वरीय पदाधिकारियों/ तकनीकी कर्मियों को बुलाया गया है, जहां स्पेसियल म्यूटेशन किया जा रहा है. फिलहाल गुजरात, ओडिशा और तेलगांना राज्यों में दोनों तरह के म्यूटेशन साथ-साथ किया जा रहा है. बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह कहा कि विभाग की सेवा को पारदर्शी एवं ऑनलाइन करने की दिशा में यह एक महवपूर्ण कदम है. इस काम में अभी तक उपलब्ध नवीनतम तकनीक की मदद ली जा रही है और इससे भूमि विवादों को कम करने में मदद मिलेगी.
इस योजना के लागू होने से जमीन की खरीद-बिक्री होने के साथ ही नाम परिवर्तित तो होगा ही जमीन भी दस्तावेजों में परिवर्तित हो जाएगी. म्यूटेशन की नई प्रक्रिया लागू होने से शुद्धि पत्र में नया प्लॉट का नक्शा भी चौहद्दी व नए नंबर के साथ रैयत को प्राप्त हो जाएगा. इससे जमीन के लेन-देन में धोखाधड़ी पर रोक लगेगी. बिहार सरकार के राजस्व मंत्री राम सूरत कुमार ने कहा कि इस व्यवस्था के लागू होने से हरेक गांव का नक्शा रियल टाइम हो जाएगा. कोई भी सूचना छिपी नहीं रहेगी और जमीन के खरीद-बिक्री में आम लोगों के ठगे जाने की आशंका भी समाप्त हो जाएगी.