न्यूज़ डेस्क
15 फरवरी से पूरे देश में फास्टैग अनिवार्य हो रहा है। दोपहिया वाहनों को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों में फास्टैग लगाना होगा। यदि वाहन में फास्टैग नहीं लगा होगा तो चालक/मालिक को टोल प्लाजा पार करने के लिए दोगुना टोल टैक्स या जुर्माना देना होगा। राष्ट्रीय राजमार्गाें पर 15 फरवरी से कैश लेन बंद हाे जाएगी। वाहन पर फास्टैग ही अनिवार्य होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 12 फरवरी काे टोल प्लाजाओं पर ड्रॉय रन, यानि पूर्व परीक्षण किया था। बिना फास्टैग वाले वाहन चालकाें को निकलना है तो दोगुना टोल देना पड़ेगा।
फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपनेआप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है। फास्टैग के इस्तेमाल से वाहन चालक को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रूकना नहीं पड़ता है। टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में कमी और यात्रा को सुगम बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
फास्टैग को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है। किसी भी ऑथराइज्ड बैंक या अमेजन, फ्लिपकार्ट और पेटीएम जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफऑर्म से ऑनलाइन फास्टैग खरीदा जा सकता है। इसके अलावा 23 ऑथराइज्ड बैंक, रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिस के पॉइंट ऑफ सेल से भी फास्टैग ले सकते हैं। NHAI के मुताबिक, पूरे देश में 30 हजार पॉइंट ऑफ सेल (PoS) पर फास्टैग उपलब्ध हैं। ड्राइवर के लाइसेंस और वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी जमा करके फास्टैग खरीदा जा सकता है। जिस बैंक का फास्टैग है, उसकी वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रिचार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा UPI/डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड/NEFT/नेट बैंकिंग आदि के माध्यम से रिचार्ज किया जा सकता है। अगर फास्टैग बैंक खाते से लिंक है तो पैसा सीधे खाते से कट जाता है। अगर Paytm वॉलेट फास्टैग से लिंक होता है तो पैसे सीधे वॉलेट से डाले जा सकते हैं।
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने फास्टैग की कीमत 100 रुपए तय की है। इसके अलावा 200 रुपए की सिक्युरिटी डिपॉजिट देनी पड़ती है। हालांकि, बैंकों की दर अलग-अलग हो सकती है। कई बैंक अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए समय-समय पर मुफ्त या मामूली कीमत में भी फास्टैग ऑफर करते हैं। अभी टोल प्लाजा को पार करने के लिए फास्टैग जरूरी है। 1 अप्रैल से सरकार थर्ड पार्टी इंश्योरेंस खरीदने के लिए भी फास्टैग अनिवार्य करने जा रही है। ऐसे में जो वाहन टोल प्लाजा पार नहीं करेंगे, उनके लिए भी फास्टैग जरूरी होगा।
भारत में इस समय 2.54 करोड़ से ज्यादा फास्टैग यूजर हैं। देश के कुल टोल कलेक्शन में फास्टैग की 80% हिस्सेदारी है। फास्टैग के जरिए रोजाना करीब 89 करोड़ रुपए के टोल टैक्स की वसूली हो रही है। NHAI ने पूरे देश के टोल प्लाजा पर 100% कैशलेस टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य तय किया है।
अगर आप बिना फास्टैग टोल प्लाजा पर पहुंच जाते हैं तो भारी जुर्माना देना होगा। यह टोल टैक्स की दोगुना हो सकता है। इसके अलावा डैमेज फास्टैग के जरिए टोल प्लाजा पार करने पर भी आपको जुर्माना देना पड़ सकता है।यदि आपके फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस नहीं हो तो भी आप टोल प्लाजा पार कर सकते हैं। टोल प्लाजा पर होने वाली परेशानी से बचने के लिए NHAI ने यह सुविधा लागू की है। हालांकि, यह सुविधा केवल कार, जीप, वैन जैसे पैसेंजर सेगमेंट के वाहनों को मिलेगी। कमर्शियल व्हीकल्स को इसका लाभ नहीं मिलेगा। टोल प्लाजा पार होने के बाद सिक्युरिटी डिपॉजिट से टैक्स काटा जाएगा। अगले रिचार्ज पर इसकी भरपाई कर ली जाएगी।