अन्धविश्वास में फिर उच्च शिक्षित परिवार में दो युवा बेटियों की निर्मम हत्या

न्यूज डेस्क

आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में कल रविवार की देर रात अंधविश्वास में माता-पिता ने अपनी ही दो बेटियों की निर्मम हत्या कर दी. मृतक लड़कियों के माता पिता का मानना था कि 24 जनवरी को कलयुग समाप्त हो जाएगा और 25 जनवरी से सतयुग शुरू होगा और सतयुग शुरू होते ही उनकी बेटियां फिर से ज़िंदा हो जाएंगी. रविवार की रात उन्होंने घर में तांत्रिक पूजा का आयोजन किया और फिर माँ ने पिता की मौजूदगी में दोनों बेटियों की हत्या कर डाली. माता-पिता का कहना है कि हत्या के लिए उन्हें दैवीय संदेश मिला था और इससे उनके परिवार पर किसी तरह की मुसीबत नहीं आएगी.

रात में घर से चीख पुकार और विचित्र आवाजें सुनकर पड़ोसियों ने पुलिस को फ़ोन किया, लेकिन माता-पिता पुलिस को घर में घुसने नहीं दे रहे थे. पुलिस जब जबरदस्ती अंदर गई तो बड़ी बेटी लाल कपड़े में लिपटी मिली और उसके आसपास पूजा सामग्री बिखरी पड़ी थी, जबकि छोटी बेटी दूसरे कमरे में मरी पड़ी थी. माता पिता शव को उठाने नहीं दे रहे थे कि सतयुग शुरू होते ही कल उनकी बेटियां ज़िंदा हो जाएंगी. दरअसल लॉक डाउन के बाद से यह परिवार काफी अंधविश्वासी हो गया था और विचित्र तरह की हरकतें करने लगा था, लेकिन इस तरह की किसी घटना की आशंका पड़ोसियों को नहीं थी. आस पास के लोगों ने पुलिस को बताया कि तीन दिनों से घर में लगातार पूजा पथ चल रहा था. 

परिवार के सभी सदस्य उच्च शिक्षित

मृतक बड़ी बेटी अलेक्या (27) भोपाल में पोस्ट ग्रेजुएट थी, जबकि छोटी दिव्या (22) ए आर रहमान म्यूजिक स्कूल, मुंबई में BBA की छात्रा थी, जो हाल में ही घर लौटी थी. पिता पुरुषोत्तम सरकारी महिला डिग्री कॉलेज में प्रिंसीपल है, जबकि माँ आईआईटी टैलेंट नामक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती है. घटना की मास्टरमाइंड मां पद्मजा को बताया जा रहा है.

1 जुलाई, 2018 को दिल्ली के बुराड़ी में अन्धविश्वास में सामूहिक आत्महत्या हुई थी

इस घटना ने एक बार फिर 1 जुलाई, 2018 को दिल्ली के बुराड़ी सामूहिक आत्महत्या कांड की याद ताजा कर दी है. जिसमें बुराड़ी स्थित एक घर में 11 लोग फांसी के फंदे पर झूलते हुए मिले थे. इस घटना ने देश के हर कोने में हर किसी को हिला कर रख दिया था. बुराड़ी के संतनगर स्थित मकान नंबर 137 में उच्च शिक्षित भाटिया परिवार के 11 लोगों ने मोक्ष पाने के लिए मौत को गले लगा लिया था. इनका मानना था कि मौत के बाद इन्हें मोक्ष मिल जाएगा और दोबारा ये लोग जीवित हो जाएंगे और उनके पूर्वजों की आत्मा ने उन्हें आत्महत्या करने के लिए कहा था.

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