यूपी में घरों में शराब रखने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य

न्यूज डेस्क

यूपी में आबकारी विभाग ने घरों में तय सीमा से अधिक शराब रखने के लिए लाइसेंस लेने की नीति की घोषणा की है. इस लाइसेंस के लिए हर साल 12,000 रू. लगेंगे और 51,000 रू. सिक्योरिटी मनी के तौर पर आबकारी विभाग के पास जमा करना होगा. इतना ही नहीं हार साल इस लाइसेंस को रिन्यूअल भी कराना होगा. यह होम लाइसेंस जिला कलेक्टर से लेना होगा.

यूपी की नई आबकारी नीति के तहत प्रति व्यक्ति या एक घर के लिए होम लाइसेंस लेना होगा. हथियार के लाइसेंस की तरह ही शराब रखने के लिए भी अलग से लाइसेंस लेना होगा. इस लाइसेंस के आवेदन के लिए आवेदक को आधार कार्ड, पैनकार्ड के साथ ही 5 साल के इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का रशीद भी देना होगा और साथ ही शपथपत्र दाखिल करना होगा कि 21 साल से कम उम्र के लोग शराब स्टोरेज वाली जगह पर नहीं जा पाएंगे.

इन राज्यों में शराबबंदी लागू है

भारत के कुछ राज्यों में शराबबंदी पुरी तरह से लागू है. शराबबंदी लागू करने वाला पहला राज्य गुजरात है. गुजरात के अलावा नागालेंड, मिजोरम और बिहार में भी पूर्ण शराबबंदी लागू है. उत्तराखंड के कुछ शहरों में भी शराबबंदी लागू है. शराब बिक्री से सबसे ज्यादा 24% कमाई उत्तर प्रदेश और ओड़िशा को होती है. बिहार और गुजरात दो ऐसे राज्य हैं, जहां पूरी तरह से शराबबंदी है. 1960 में जब महाराष्ट्र से अलग होकर गुजरात नया राज्य बना, तभी से वहां शराबबंदी लागू है, जबकि बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू है.

सभी राज्यों में शब्बंदी लागू हो – उमा भारती

शराबबंदी का असर इन राज्यों में देखा जा सकता है, इसलिए दूसरे राज्यों में भी इसे लागू करने की मांग की जाने लगी है. बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने बीजेपी शासित राज्यों से शराबबंदी कि अपील की है. इधर यूपी जैसे बड़े राज्य में घरों में शराब रखने के लाइसेंस का परमिशन देने का फरमान जारी हुआ है.

Jetline

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