न्यूज डेस्क
संसद की कैंटीन में सरकारी पैसे पर सस्ते लज़ीज़ खाने के दिन खत्म हो गए. अब संसद भवन की कैंटीन में सब्सिडी पूरी तरह ख़त्म कर दी गई है, यानी सांसदों की थाली से सब्सिडी खत्म हो गई है. अब संसद की कैंटीन में बाजार भाव पर खाने पीने का सामान मिलेगा. नई व्यवस्था से सरकार का सालाना 8 से 10 करोड़ रुपया बचेगा. उत्तर रेलवे की जगह अब खानपान का ज़िम्मा ITDC यानी इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन को दे दिया गया है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि संसद की कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी पूरी तरह खत्म कर दी गई है. सरकार को सालाना 8 से 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी सांसदों के खानपान पर खर्च करना पड़ता था. संसद में खानपान की जिम्मेदारी भी उत्तर रेलवे की जगह अब आईटीडीसी को दे दी गई है. आईटीडीसी ने संसद में मिलने वाले खाने-पीने के कुछ सामानों की रेट लिस्ट जारी भी कर दी है जो पहले की अपेक्षा काफी महंगा है, हालांकि अभी कई व्यंजनो की रेट तय नहीं हुई है. नए रेट के मुताबिक पहले ₹5 में मिलने वाली चाय अब ₹7 से लेकर के ₹16 तक मिलेगी, हालांकि अब ग्रीन टी, जिंजर टी, मसाला टी सहित अन्य फ्लेवर का भी आनंद लिया जा सकेगा. इसी तरह कॉफी का दाम 5 रुपये की जगह 22 से ₹24 तक हो गया है. इसके साथ ही साधारण चाय अब भी ₹5 और साधारण कॉफी ₹10 में मिल सकेगी. कई तरह के जूस बिस्कुट और नमकीन भी नई व्यवस्था में मिलेगा.
इस नई व्यवस्था के आने से पहले संसद के कैंटीन में खानपान का काम उत्तर रेलवे देखती थी. उत्तर रेलवे की रेट लिस्ट के मुताबिक वेज थाली ₹30 और नॉन वेज थाली ₹60 में मिलती थी. रोटी दो रुपए, चिकन करी ₹50, तंदूरी चिकन ₹60 में मिलता था. चाय और कॉफी ₹5 में मिलता था. प्लेन डोसा ₹12, फिश करी ₹40, बिरयानी ₹65, मटन करी 45, राइस ₹7 प्लेट मिलता था. अब नई दरों के मुताबिक कुछ सामान पहले के मुकाबले 20 से 50 फ़ीसदी तक महंगे होंगे और कुछ के दाम दुगने भी हो सकते हैं.
जनता के खून – पसीने के टैक्स के पैसे से संसद में रसूखदारों को सस्ते सब्सिडी वाले दाम पर खाना मिलने का मुद्दा अक्सर उठता रहता था, सरकार ने सब्सिडी पूरी तरह खत्म करके आम और खास के बीच के अंतर को मिटा दिया है. इसके साथ ही नेताओं के सस्ते खाने का दौर खत्म हो गया है.