सोनी किशोर सिंह
कंगना रनौत के बाद लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद कर चर्चित हुए अभिनेता सोनू सूद विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं. बीएमसी अब अभिनेता सोनू सूद की शक्ति सागर नामक 6 मंजिल इमारत को तोड़ेगा. बीएमसी ने सोनू सूद के खिलाफ मुंबई के जुहू पुलिस थाने में लिखित शिकायत कर दी है. बीएमसी का आरोप है कि को सोनू सूद ने बिना जरूरी इजाजत के अपने रेसिडेंशियल बिल्डिंग को होटल में बदल दिया. अब बीएमसी ने महाराष्ट्र रीजन एंड टाउन प्लानिंग एक्ट (MRTP) के सेक्शन-7 के तहत पुलिस से मामला दर्ज करने की मांग की है.
बीएमसी की ओर की गई शिकायत में कहा गया है कि सोनू सूद ने मुंबई में एबी नायर रोड पर स्थित शक्ति सागर बिल्डिंग को बिना परमिशन के ही होटल में बदल दिया है, जो एक रिहायशी बिल्डिंग है और उसका कॉमर्शियल इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. के बीएमसी ने सोनू सूद पर इमारत के हिस्से को बढ़ाने, नक्शे में बदलाव करने और इस्तेमाल में बदलाव का आरोप लगाया है. एमआरटीपी के तहत यह दंडनीय है.
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इससे पहले बीएमसी से जारी नोटिस के खिलाफ सोनू सूद ने मुंबई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, लेकिन उन्हें वहां से अंतरिम राहत नहीं मिल पाई थी. कोर्ट ने सोनू सूद को हाईकोर्ट में अपील करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था, जो बीत चुका है और अब तक न तो सोनू सूद ने अनधिकृत निर्माण को हटाया और न ही बिल्डिंग के कमर्शियल इस्तेमाल के फैसले से पीछे हटे हैं. इस वजह से बीएमसी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
जुहू पुलिस ने शिकायत पर आगे मामले की जांच कर आगे की कार्यवाही की बात कही है. सोनू सूद का बचाव करते हुए भाजपा विधायक राम कदम ने कहा है कि लॉक डाउन के दौरान सोनू सूद ने अपने पैसे से लोगों को उनके घर पहुंचाया था, जो महाराष्ट्र सरकार को करना चाहिए था, लेकिन अब कंगना रनौत के बाद सरकार बीएमसी के मदद से सोनू सूद पर कार्यवाई करने की बात कह रही है, यह शर्मनाक है.
अब सवाल है कि क्या बीएमसी केवल महाराष्ट्र सरकार के इशारे पर काम करने का हथियार होकर रह गया है. जब कंगना रनौत ने उद्धव सरकार के खिलाफ बोला था, तो रातों-रात उसके घर को बीएमसी ने अवैध निर्माण का आरोप लगाकर गिरा दिया था. एक बार फिर बीएमसी उसी राह पर चल पड़ी है और शायद कार्यवाही में देरी का कारण है कि सरकार को सोनू सूद से उतना खतरा नहीं है, जितना कंगना के स्टेटमेंट से था. आज फिर कंगना को राजद्रोह के केस में बांद्रा पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए हाजिर होना पड़ा है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि क्या कुछ गिने-चुने फिल्मी सितारों ने ही अवैध निर्माण किया है, क्या मुंबई के दूसरे व्यवसाय करनेवालों ने कोई अवैध निर्माण नहीं किया है और अगर किया है तो उनके घरों को क्यों नहीं गिराया जाता है औ ऐसे निर्माण को बीएमसी होने ही क्यों देता है.