भारत में पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को कैसे लगेगा कोरोनावायरस का टीका, जाने प्रक्रिया

न्यूज डेस्क

कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन के दहशत के बीच भारत कोरोना वैक्सीन की टीकाकरण प्रक्रिया को लेकर पूरी तरह तैयार है. भारत में सबसे पहले 30 करोड़ लोगों को टीका दिया जाएगा, जिनमें फ्रंट लाइन वर्कर्स यानी स्वास्थ्य कर्मचारियों से लेकर सुरक्षा में लगे जवान, 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग और पहले से बीमार लोगों इत्यादि को शामिल किया गया है. टीकाकरण को लेकर पूरा खाका तैयार कर लिया गया है और जैसे ही वैक्सीन की खरीद की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, टीकाकरण अभियान भी शुरू हो जाएगा. अगले सप्ताह से देश में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो जाएगी.

पहले चरण में वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे प्राइमरी वैक्सीन स्टोरों (जो करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में हैं) में टीकों को हवाई मार्ग से पहुंचाएंगे, जिन्हें सरकारी मेडिकल डिपो भी कहा जाता है. इन चारों डिपो से फिर विभिन्न राज्यों में फैले 37 स्टेट वैक्सीन स्टोरों में रेफ्रिजरेटेड वैन के जरिए टीकों की डिलीवरी होगी. फिर वहां से यह राज्य सरकारें या केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन अपनी आवश्यकता के अनुसार वैक्सीन के स्टॉक को तैनात करेंगी. यानी वैक्सीन राज्य के स्टोरों से जिला वैक्सीन स्टोरों को भेजी जाएगी. इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी डिजिटल तरीके से होगी.

अभियान के दूसरे हिस्से में वैक्सीन उम्मीदवारों की पहचान और पंजीकरण के साथ-साथ खुराक देना शामिल है. हालांकि हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स को रजिस्ट्रेशन यानी अपनी जानकारी दर्ज कराने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि उनकी जानकारी पहले से ही उनके विभागों के जरिए सरकार के पास मौजूद है और कोविन ऐप में भी दर्ज हैं. 50 साल से अधिक उम्र के लोगों और बीमारी वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इस पूरी प्रक्रिया को तीन चरणों में समझ सकते हैं –

ट्रांसपोर्ट ऑफ वैक्सीन

कोरोना वैक्सीन के टीके को कंपनी के उत्पादन केंद्र से एयर ट्रांसपोर्ट के जरिए प्राइमरी वैक्सीन स्टोर में लाया जाएगा. फिर प्राइमरी वैक्सीन स्टोर से रेफ्रीजेरेटर वाले वाहनों से वैक्सीन को स्टेट वैक्सीन सेंटर पर पहुंचाया जाएगा. पुनः स्टेट वैक्सीन सेंटर से फिर रेफ्रीजेरेटर वाले वाहनों के जरिए डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोर पहुंचाया जाएगा. अंत में डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोर से टीकों की डिलीवरी प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर किया जाएगा, क्योंकि वैक्सीन को एक उचित तापमान की जरूरत है, इसलिए पूरी डिलीवरी प्रक्रिया में रिफ्रीजेरेटर वाले वाहनों का ही प्रयोग किया जाएगा.

पहचान करना और खुराक देना

प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर रखे टीकों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सब सेंटर या जहां टीकाकरण होना है, पहुंचाया जाएगा, फिर टीकाकरण के लिए हेल्थ कर्मी और जवानों को छोड़कर लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके बाद टीकाकरण के लिए समय दिया जाएगा नियत समय पर लाभार्थी को वैक्सीन लगेगी.

टीका लगने के बाद फॉलो-अप

तीसरे चरण में टीका लगने के बाद लाभार्थी को संदेश प्राप्त होगा, यूनिक हेल्थ आईडी मिलेगी और क्यूआर कोड बेस्ड सर्टीफिकेट भी मिलेगा. इस चरण में टीका लगने के बाद किसी तरह के साइड इफेक्ट को लेकर लाभार्थी से सरकार के आदमी सूचना लेते रहेंगे.

इस तरह से अगले सप्ताह से शुरू होने वाला कोरोना का टीकाकरण अभियान पुरी तरह से दुरुस्त बनाया गया है और अब इसे व्यवहार रूप में बदलकर देश स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़ेगा.

Jetline

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