दिल्ली :सोहन सिंह
कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर डटे किसानों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। लंबी बातचीत और मंथन के बाद तय सिर्फ यह हो सका कि अगले दौर की बातचीत 9 दिसंबर को होगी।
केंद्र सरकार की एक कमेटी की रिपोर्ट बताती है कि देश के सिर्फ 6% किसान ही MSP का फायदा लेते हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा किसान इन्हीं दोनों राज्यों के हैं। 2016 में आई नीति आयोग की एक रिपोर्ट बताती है कि पंजाब के 100% किसान अपनी फसल MSP पर ही बेचते हैं। हालांकि, इसमें हरियाणा का आंकड़ा नहीं दिया था।हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ये साफ कर चुके हैं कि MSP खत्म नहीं होने वाली
किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम शंका का समाधान करने को तैयार हैं. किसानों के साथ चर्चा अच्छे माहौल में हुई. किसान नेताओं का सुझाव मिले तो अच्छा होगा. हम सुझावों का इंतज़ार करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि नौ दिसंबर को अगली बैठक होगी.कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ”हमने कहा कि एमएसपी जारी रहेगा, इसे कोई खतरा नहीं है। इस पर शंका करना आधारहीन है। कृषि मंत्री ने आगे कहा ”हम राज्यों में मंडियों को प्रभावित नहीं करना चाहते हैं। सरकार एपीएमसी को मजबूत करने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। यदि किसी को एपीएमसी को लेकर कोई भ्रम है तो सरकार इसे स्पष्ट करने को तैयार है।”
किसान कानूनों पर सरकार के साथ हुई बैठक के बाद किसान नेता ने कहा, “सरकार ने तीन दिन का समय मांगा है. 9 दिसंबर को सरकार हमें प्रपोज़ल भेजेगी, उस पर विचार करने के बाद बैठक होगी. 8 तारीख को भारत बंद ज़रूर होगा. ये कानून ज़रूर रद्द होंगे.”
पांचवें दौर की बैठक के दौरान किसानों ने सरकार से साफ कह दिया है कि उन्हें कॉरपोरेट फार्मिंग कानून नहीं चाहिए. उन्होंने कहा है कि इससे सरकार को फायदा होगा, किसानों को नहीं. मीटिंग के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हमारे पास इतना सामान है कि हम एक साल गुज़ार सकते हैं. हम कई दिनों से सड़क पर हैं. अगर सरकार चाहती है कि हम सड़कों पर ही रहें तो हमें कोई परेशानी नहीं. उन्होंने ये भी कहा कि हम अहिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे. प्रोटेस्ट वाली जगह पर हम क्या कर रहे हैं, इंटेलिजेंस ब्यूरो इसकी जानकारी आपको दे देगी.
इधर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘बिहार का किसान MSP-APMC के बिना बेहद मुसीबत में है और अब PM ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेल दिया है। ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है।’