बिहार विधान परिषद कि 17 सीटें हुईं खाली-12 सीटों पर प्रस्ताव जल्द

डॉ निशा सिंह

राज्यपाल कोटे की 12 सीटों पर नीतीश कुमार जल्द ही प्रस्ताव राज्यपाल फागू चौहान को भेज सकते हैं. चुनाव से पहले सहमति नहीं होने के कारण ये मामला लंबित हो गया था।

बिहार में कुल 75 विधान परिषद की सीटों में से अभी 17 सीटें रिक्त है. इनमें 12 एमएलसी सीटें राज्यपाल कोटे की खाली है जबकि चार विधान परिषद सदस्य अभी चुनाव में विधायक बने हैं. एक सीट विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह के निधन के चलते रिक्त है. वहीं, दूसरी तरफ नीतीश सरकार में दो ऐसे मंत्री बने हैं जो किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं.

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बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद की खाली सीटों को भरने की प्रक्रिया शुरू होनी है. इस बार चार विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) चुनाव जीतकर विधायक बने हैं, जिसके चलते उनकी एमएलसी सीटें रिक्त हो गई हैं. राज्य में राज्यपाल कोटे के मनोनयन वाली 12 विधान परिषद सीटें पहले से खाली पड़ी हैं. इस तरह से राज्य की कुल 75 विधान परिषद सीटों में से 17 सीटें रिक्त हो गई हैं.

बिहार में जो चार विधान पार्षद विधायक बने हैं, उनमें विधायक कोटे से एमएलसी विनोद नारायण झा बीजेपी के टिकट पर मधुबनी जिले की बेनीपट्टी सीट से जीते हैं. इसके अलावा स्थानीय निकाय कोटे से एमएलसी रहे रितलाल यादव इस बार दानापुर विधानसभा सीट से आरजेडी के टिकट पर जीतकर विधायक बन गए हैं. इसी स्थानीय निकाय कोटे से विधान पार्षद दिलीप राय सुरसंड सीट पर जेडीयू के विधायक चुने गए हैं. ऐसे ही मनोज यादव भी बेलहर विधानसभा सीट से जेडीयू के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. इसके अलावा विधान परिषद की स्थानीय निकाय की दरभंगा जिले की एक एमएलसी सीट सुनील कुमार सिंह के निधन के चलते पहले से ही खाली है.

बिहार में कुल 75 विधान परिषद सीटें हैं, जिन्हें पांच कोटे से भरा जाता है. इनमें से 27 एमएलसी सीटें पर विधानसभा सदस्यों यानी विधायकों के द्वारा चुनाव होता है जबकि 24 एमएलसी सीटों पर स्थानीय निकाय के द्वारा चुनाव होता है. इसके अलावा 6 एमएलसी सीटें शिक्षक कोटे से भरी जाती हैं जबकि 6 सीटें स्नातक कोटे से. बाकी बची 12 सीटों पर राज्यपाल के द्वारा विधान परिषद सदस्य मनोनीत होते हैं.

बिहार में राज्यपाल द्वारा मनोनीत 12 सीटों पर भी चयन होना है. इनमें से राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और पशुपति कुमार पारस के लोकसभा सदस्य चुन लिए जाने के कारण दो सीटें पहले से रिक्त हो गई थीं. इसके अलावा 10 सीटें मनोनयन कोटे की और रिक्त हैं, जो जावेद इकबाल अंसारी, ललन कुमार सर्राफ, रामचंद्र भारती, राम लखन, राम रमण, राम बचन राय, राणा गंगेश्वर सिंह, रणवीर नंदन, संजय कुमार सिंह, शिव प्रसन्न यादव और विजय कुमार मिश्र के कार्यकाल पूरा हो जाने के चलते खाली हुई हैं. हालांकि, चुनाव से पहले ही इन सीटों पर मनोनयन होना था, लेकिन तब एनडीए में आपसी सहमति नहीं बन पाने के चलते ये नहीं हो सका था .

बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार में दो मंत्री जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी और वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी फिलहाल किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. इन दोनों मंत्रियों को छह महीने के भीतर विधानमंडल के किसी न किसी सदन का सदस्य बनना होगा. ऐसे में माना जा रहा है कि राज्यपाल कोटे की 12 सीटों पर नीतीश कुमार जल्द ही प्रस्ताव पासकर गवर्नर फागू चौहान को भेज सकते हैं.

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