डॉ. निशा सिंह
बिहार विधान सभा चुनाव 2020 के नतीजे आ चुके हैं. एनडीए को चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला है और नीतीश कुमार फिर से बिहार के सीएम बनने वाले हैं. 243 सदस्यीय बिहार विधान सभा में एनडीए को 125 सीटें मिली, जो बहुमत 122 से 3 अधिक है, वहीं महागठबंधन को 110 सीटें मिली.
यह चुनाव काफी दिलचस्प रहा, जिसमें आखिरी तक दोनों एनडीए और महागठबंधन के लोग दम साधे बैठे थे कि जीत किसकी होगी. चुनावों की भीड़ और एग्जिट पोल को देखकर लग रहा था कि इस बार महागठबंधन की सरकार बनेगी, हालांकि इस बार भी राजद सबसे बड़ी पार्टी है. मतगणना की शुरुआत में ही एनडीए की तुलना में लगभग दोगुनी सीटों पर बढ़त बनाने वाला महागठबंधन अपनी बढ़त को कायम नहीं रख सका.
विधानसभा में पार्टियों की सीटें 243
एनडीए के घटक दलों की सीटें 125
बीजेपी-74
जेडीयू-43
विकासशील इंसान पार्टी-04
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा-04
महागठबंधन के घटक दलों की सीटें-110
आरजेडी-75
कांग्रेस-19
भाकपा-माले-12
सीपीएम-02
सीपीआई-02
अन्य दलों की सीटें -8
एआईएमआईएम- 5
बसपा – 1
लोजपा -1
निर्दलीय -1.
एनडीए में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को 43 सीटों पर जीत मिली है. जबकि, बीजेपी को 74 सीटों पर. एनडीए के अन्य घटक हम को 4 और वीआईपी को 4 सीटों पर विजय मिली है. नीतीश कुमार भले ही सीएम बने, लेकिन वे कमजोर हुए हैं. उनकी पार्टी की सीटें कम अाई है. हालांकि, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रचार अभियान के दौरान यह साफ कर चुके हैं कि सीटें कम आईं तो भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे.
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आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी
बिहार विधान सभा चुनाव में राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पारी है, लेकिन 2015 के 80 सीटों के मुकाबले उसे 5 सीटों का नुकसान हुआ है. हालांकि वोट प्रतिशत के मामले में 23.1 प्रतिशत आरजेडी के खाते में गया, जो पिछली बार से अधिक है.
ओवैसी की पार्टी को पांच सीटें मिली
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवार भी पांच सीटें जीतने में सफल रहे. एआईएमआईएम के 5 सीटें आने के साथ ही बिहार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल ओवैसी की आगे महत्वपूर्ण भूमिका में रहने की संभावना है.
मुकेश सहनी की पार्टी को 4 सीटें मिली
महागठबंधन से विद्रोह कर एनडीए में आए मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को 4 सीटें मिली, लेकिन पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी हार गए.
चिराग पासवान की एलजेपी को 1 सीट मिली
बिहार चुनावों में लोजपा अकेले उतरी तथा उसे छह फीसदी से भी कम मत मिले और केवल 1 सीट मिली. मौसम विज्ञानी के बेटे होने का दावा करने वाले और नीतिश कुमार के नेतृत्व को नहीं मानने वाले चिराग को खामियाजा भुगतना पड़ा और हम, वीआईपी जैसी पार्टियों से भी कम सीटें मिली.
पप्पू यादव और पुष्पम प्रिया की पार्टी का खाता नहीं खुला
पप्पू यादव के दल जन अधिकार पार्टी यानी जाप और पुष्पम प्रिया की प्लूरल्स पार्टी का इस चुनाव में खाता तक नहीं खुल सका. इन दोनों दलों के मुखिया भी अपनी सीट तक नहीं जीत पाए.
2020 के चुनाव में वोट प्रतिशत
2020 के बिहार विधान सभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोट शेयर 23.1 प्रतिशत आरजेडी के खाते में गया है. वहीं कांग्रेस के हिस्से 9.48% और लेफ्ट के हिस्से 1.48% वोट गया है. एनडीए की बात करें तो बीजेपी ने 19.46%, जेडीयू ने 15.38% वोट प्रतिशत मिला है. यानी इस बार बीजेपी का वोट प्रतिशत घटा है, जबकि राजद का बढ़ा है, भले ही सीटों के मामले में ज्यादा अंतर नहीं है. एनडीए (बीजेपी, जेडीयू, हम और वीआईपी) का सम्मिलित मत प्रतिशत 40 फीसद से कम है. वहीं आरजेडी नीत महागठबंधन को करीब 37 फीसदी मत मिले हैं.
विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू को 28, राजद को 5, कांग्रेस को 8, एलजेपी को 1 सीटों का नुकसान हुआ है. जबकि बीजेपी को पिछले चुनाव की तुलना में 21 सीटों का फायदा हुआ है.
बिहार विधान सभा चुनाव 2015
विधानसभा चुनाव 2015 में आरजेडी-कांग्रेस-जेडीयू महागठबंधन ने बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन को हराया था. लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटों पर जीत मिली थी. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को 71 सीटें हासिल हुई थीं. इसके अलावा बीजेपी को 53, कांग्रेस को 27, एलजेपी को 2, आरएलएसपी को 2, हम को 1 और अन्य के हिस्से में 7 सीटें गई थीं.