न्यूज़ डेस्क
महबूबा मुफ्ती के रिहा होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. कल राज्य के कई राजनीतिक दलों की एक अहम बैठक हुई, जिसमें एक नया गठबंधन बनाया गया. इस बैठक में राजनीतिक दलों ने ‘गुपकार समझौते’ पर चर्चा की. इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी समेत अन्य चार पार्टियों के नेता शामिल हुए. ये बैठक फारूक अब्दुल्ला द्वारा बुलाई गई थी. फारूक अब्दुल्ला के घर पर हुई इस बैठक में केंद्र सरकार के द्वारा लिए गए फैसले के खिलाफ मुहीम चलाने का फैसला किया गया. इसके पहले भी फारूक अब्दुल्ला ने विवाद वाला बयान दिया था. फारूक ने देशद्रोही बयान दिया था कि चीन की मदद से कश्मीर में धारा 370 की वापसी करवाइ जाएगी.
वहीं इस मामले में कश्मीर एक तरफ बीजेपी आज बैठक करेगी, दूसरी तरफ महबूबा मुफ्ती प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकती है.
गुपकार बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों ने गुपकार समझौता पर हस्ताक्षर करके एक गठबंधन बनाया है और इसे पीपुल्स अलायंस का नाम दिया है. गुपकार समझौते में इन राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति के साथ छेड़छाड़ की अनुमति नहीं देने की कसम खाई है. इस नए गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के अलावा पीसी, सीपीआई (एम), एएनसी और जेकेपीएम भी शामिल हैं.
गुपकार बैठक में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इस गठबंधन को गुपकार समझौता कहने का फैसला किया है. हम भारत सरकार से राज्य के लोगों का अधिकार वापस मांगते हैं. जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक मुद्दे को हल करने की जरूरत है. हम सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की मांग करते हैं.