बिग बाजार बैंकों का ब्याज नहीं दे पाया : अंबानी ने खरीदा कंपनी

डॉ. निशा सिंह

बिजनेस की दुनियां के बादशाह मुकेश अंबानी ने अब रिटेल सेक्टर में बिग बाजार को भी खरीद लिया है. जहां पूरी दुनियां की अर्थव्यवस्था कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में पिछड़ गई है, वहीं मुकेश अंबानी का बिजनेस नई उपलब्धियों को छू रहा है. जिओ में रिकॉर्ड विदेशी इन्वेस्टमेंट के साथ ही उन्होंने रिटेल सेक्टर में बिजनेस को फैलाया है. रिलायंस फ्रेश खोलने के बाद बिग बाजार को अपने नाम कर मुकेश अंबानी रिटेल सेक्टर के बेताज बादशाह बन गए हैं.

मुकेश अंबानी ने किशोर बियानी से अगस्त में फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउस बिजनेस को 24,713 करोड़ रुपये में खरीद लिया. रिटेल सेगमेंट में बिग बाजार का बड़ा नाम था, जिसपर अब मुकेश अंबानी का अधिकार हो गया है. 2019 से पहले किशोर बियानी का कारोबार तेजी से फैल रहा था. लेकिन, इस साल की शुरुआत में कोरोना संकट की वजह से घरेलू रिटेल स्टोर बंद हो गए, जिससे कंपनी को शुरू के तीन-चार महीनों में करीब 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और फिर कंपनी को कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचना पड़ा.

जब देश के इतने बड़े ग्रुप को लॉक डाउन के कारण अपना स्टोर बेचना पड़ा तो फिर आम छोटे दुकानदारों और बिजनेस वालों की हालत कितनी खराब होगी! कोर्ट ने भी इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार को बार-बार निर्देश दिया है कि वह आम लोगों की परेशानियों को देखते हुए बैंकों को ब्याज लेने में नरमी लाने की व्यवस्था करे. किशोर बियानी ने भी कहा है कि बिग बाजार बंद होने की वजह किराया की समस्या नहीं था, बल्कि लोन का ब्याज था. इस साल के शुरुआत में किशोर बियानी जब फ्यूचर रिटेल के कर्ज का भुगतान करने में असफल रहे तो बैंकों ने कंपनी के गिरवी रखे शेयरों को जब्त कर लिया था.

1987 में मेंज वियर पेंटालून से व्यापार शुरू कर 2001 में बिग बाज़ार तक का सफर तय करने वाले किशोर बियानी ने कहा कि खुदरा विक्रेताओं के लिए अभी तक की यह सबसे खराब स्थिति है.

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