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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले का ऐतिहासिक फैसला लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने सुना दिया है. लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसला में कहा है बाबरी मस्जिद गिराने के मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार, दिवगंत अशोक सिंघल की कोई सीधी भूमिका नहीं रही है. कार सेवकों और राम भक्तों ने जोश और जूनून के चलते विवादित ढांचा गिरा दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जाँच में ये साबित हुआ है कि बाबरी ढांचा गिराने की कोई योजना नहीं थी. इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा कि ये घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, बल्कि अचानक हुई. ये कहते हुए कोर्ट ने केस के सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट की निर्देश दिया था कि 30 सितम्बर, 2020 तक फैसला सुना दे.
बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अदालत के इस फैसले पर खुशी जताई, उन्होंने कहा कि जो फैसला सुनाया गया है, वो काफी अहम है. हम सभी के लिए खुशी का पल है. लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि बहुत दिनों के बाद अच्छा समाचार मिला है, बस इतना ही कहूंगा कि जय श्री राम. बुधवार को फैसले के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने उनके घर के बाहर इकट्ठे हुए समर्थकों के लिए मिठाई भी बंटवाई. बीजेपी नेता ने इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं और वकीलों का शुक्रिया अदा किया. फैसले के बाद बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने बयान दिया और अदालत के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन एक ऐतिहासिक पल था.