दिल्ली ।
Waqf Act Hearing : वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि जो संपत्तियां वक्फ घोषित हैं या रजिस्टर्ड हैं, उन्हें अभी जैसी स्थिति में रहने दिया जाए. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार का जवाब आने तक यथास्थिति बनी रहेगी. सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि इसमें ‘वक्फ बाय यूजर’ भी जोड़ दीजिए. जिस पर CJI ने कहा,’मैं आदेश लिखवा रहा हूं, बीच में मत बोलिए। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने आगे कहा कि सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा है कि सरकार 7 दिन में जवाब दाखिल करेगी और तब तक वक्फ बोर्ड या काउंसिल में कोई नई नियुक्ति नहीं होगी. CJI ने कहा, ‘हम यह बात रिकॉर्ड में दर्ज कर रहे हैं. सरकार 7 दिन में जवाब दे और उसके बाद याचिकाकर्ता 5 दिन में अपना जवाब दाखिल करें.
देश के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है. वक्फ कानून के खिलाफ 70 से ज्यादा याचिकाएं कोर्ट में दायर की गई है. अब 5 मई को दोपहर 2 बजे से सुनवाई शुरू होगी. इसके पहले केंद्र सरकार इस मामले पर अपना जबाब कोर्ट को सौप सकती है.
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि अगले आदेश तक संशोधित कानून के तहत नई नियुक्ति नहीं होगी. वक्फ बाय यूजर नोटिफिकेशन, या आदेश के लिए वक्फ की संपति घोषित हो चुकी है उसे रद्द नहीं किया जाएगा. वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 73 से ज्यादा याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन की सुनवाई हुई है.
देशभर में 8 लाख वक्फ संपत्तियां
देशभर में 8 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से आधी यानी 4 लाख से अधिक प्रॉपर्टी ‘वक्फ बाय यूजर’ के तौर पर रजिस्टर है. जब कोई व्यक्ति अल्लाह या इस्लाम के नाम कोई संपत्ति या पैसा दान देता है तो उसकी देखरेख वक्फ बोर्ड करता है। देश में अभी 32 स्टेट वक्फ बोर्ड हैं. वक्फ बोर्ड जमीन के मामले में रेलवे और कैथोलिक चर्च के बाद तीसरे स्थान पर है. आंकड़ों के मुताबिक वक्फ बोर्ड के पास आठ लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है. वर्ष 2009 में यह जमीन चार लाख एकड़ हुआ करती थी, जो कुछ वर्षों में बढ़कर दोगुनी हो गई है. इन जमीनों में ज्यादातर मस्जिद, मदरसा, और कब्रगाह हैं. दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं.
साल 2013 में यूपीए की सरकार में वक्फ बोर्ड की शक्तियों को बढ़ा दिया गया था. एक्ट में दिए गए प्रविधानों के मुताबिक वर्ष 1964 में अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन हुआ. यह वक्फ बोर्डों के कामकाज के मामलों में केंद्र सरकार को सलाह देती है. वर्ष 1995 में वक्फ एक्ट में बदलाव भी किया गया और हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की अनुमति दी गई.
