बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार “केंद्र” हैं जो सत्ता में पिछले 20 साल से हैं. यानि मुख्यमंत्री हैं, देश की राजनीति में अहम् भूमिका निभाते हैं. नीतीश कुमार 2005 से 2014 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. लालू-राबड़ी के जंगल राज को अंत होने के बाद नीतीश ने लगातार दो बार मुख्यमंत्री बने. इसके पहले 2000 में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन मात्र 7 दिनों तक ही मुख्यमंत्री पद पर रह पाए थे. विधान सभा में बहुमत साबित नहीं करने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. जिसके बाद फिर से लालू-राबड़ी सरकार बनी, जो साल 2000 से लेकर 2005 जनवरी तक सत्ता में रही. इसके बाद 2005 में चुनाव के बाद नीतीश मुख्यमंत्री बने. साल 2005 से 2014 तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार के कार्यकाल में लालू-राबड़ी राज की तुलना में कितना काम हुआ. ये जानना भी बहुत जरुरी है. लालू -राबड़ी राज को जंगल राज से नवाजा गया था. नीतीश कुमार के राज को सुशासन राज बताया गया. नीतीश कुमार के सामने बिहार से अपराध, शिक्षा, स्वास्थ्य पलायन, बेरोजगारी, गरीबी से उबारने के चुनौती थी.
अगर वर्तमान राजनीति की बात करें तो बिहार में ये साल चुनावी साल है. अक्टूबर महीने में बिहार विधान सभा चुनाव होना है. नीतीश कुमार इस दफे बीजेपी के साथ गठबंधन के सहरे चुनाव में उतर रहे हैं. बिहार की राजनीति में कभी बड़े भाई (जद यू) अब कमजोर हो चली है. केंद्र में बीजेपी की सरकार है, जो अब बिहार में अपनी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री चाहती है. नीतीश कुमार हैं कि गठबंधन से चुनाव लड़ना चाहते तो हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का पद अब भी छोड़ने को तैयार नहीं हैं. बीजेपी ने कहा है कि 2025 विधान सभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जायेगा. तो क्या अगर बीजेपी-जदयू को बहुमत मिला तो नीतीश फिर से मुख्यमंत्री बनेगें ? क्या बीजेपी ऐसा करने के हालत में होंगे या महाराष्ट्र के फार्मूला को बिहार में बीजेपी आजमाएगी. राजीनतिक टीकाकार का कहना है कि अगर नीतीश को सीटें कम मिली और बीजेपी अड़ी तो वे मुख्यमंत्री पद को छोड़ देंगे, क्योंकि उम्र उनपर हावी है और वे अब थके-थके से लग रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक ऐसी परिस्थिति में नीतीश कुमार दिल्ली की ओर रुख कर सकते हैं.
नीतीश कुमार के शासन के पार्ट- 3 में अब आपको नीतीश कुमार के 2014 से 2019 तक के कार्यकाल के बारे में बताते हैं. नीतीश कुमार 20 साल से सत्ता में हैं, 6 बार BJP और 2 बार RJD के साथ मिलकर सरकार बनाई. नीतीश कुमार ने अब तक 9 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इससे पहले उन्होंने 2005 से 2014 तक बिहार के मुख्यमंत्री और 2015 से 2017 में सीएम के रूप में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और एक बार फिर एनडीए से हाथ मिला लिया. 2020 का विधानसभा चुनाव भाजपा-जदयू साथ लड़कर जीती और नीतीश कुमार ने सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन 2022 आते आते वह वापस राजद के साथ चले गए और 10 अगस्त को उन्होंने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नीतीश कुमार ने एक बार फिर से 15 साल के लालू-राबड़ी शासनकाल को ही मुख्य मुद्दा बनाया है.
कब-कब नीतीश कुमार ने पलटी बाजी ?
पहली बार नीतीश 3 मार्च 2000 को शपथ लेकर मुख्यमंत्री बने. उस वक्त नीतीश समता पार्टी में थे. यह सरकार महज सात दिन ही चली. इस दौरान भाजाप का समर्थन उन्हें हासिल हुआ था. इसके बाद 24 नवंबर 2005 में नीतीश कुमार ने भाजपा-जदयू के गठबंधन में राजग (एनडीए) की सरकार बनाई. नीतीश ही मुख्यमंत्री बने. नीतीश कुमार ने इसके बाद 26 नवंबर 2010 को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनकी यह सरकार भी भाजपा-जदयू के गठजोड़ वाली थी. राजग के साथ यह उनकी तीसरी पारी थी.
2015 से 2024 तक कभी बीजेपी तो कभी राजद के साथ मिलकर सरकार बनाई
22 फरवरी 2015 में नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जदयू की सरकार का गठन किया और मुख्यमंत्री बने. सब ठीक चल रहा था कि अचानक बीजेपी के बढ़ते दबाब की वजह से नीतीश कुमार ने पलटी मारी और घोर विरोधी लालू यादव के साथ मिलकर सरकार बना ली.
सरकार के गठन के 10 महीने बाद 20 नवंबर 2015 में नीतीश कुमार, राजद के साथ गठबंधन के बदौलत फिर से मुख्यमंत्री बने. यानि बीजेपी को झटका लगा. यहां लालू यादव की पार्टी राजद के साथ उन्होंने महागठबंधन की सरकार बनाकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. यह पहली बार था, जब जदयू और राजद सत्ता में साथ आई थीं. साल 2000 में सात दिन और 2005 से 2014 तक बीजेपी के साथ गठबंधन करके मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार जिस लालू-राबड़ी राज के जंगल राज को ख़तम करने की राजनीति करने चले थे, वे बदलते वक्त के साथ उसी के साथ हो लिए. अब बिहार में नीतीश-लालू की सरकार सत्त्ता में आ गयी थी. राजद-जदयू की ये सरकार पूरा कार्यकाल 5 साल नहीं चली. बीच में हीं नीतीश ने पाला बदला और फिर से बीजेपी के साथ चले गए.
नीतीश कुमार ने 26 जुलाई 2017 को एक बार फिर राजद को छोड़कर राजग के साथ सरकार बनाई. इस तरह फिर से सत्ता में जदयू-भाजपा वापस आ गयी और राजग की यह सरकार ढाई साल चली थी. इसके बाद बिहार विधान सभा 2020 में हुआ. 16 नवंबर 2020 को विधानसभा चुनावों के बाद नीतीश कुमार ने फिर से जदयू-भाजपा (एनडीए) की सरकार बनाई और फिर मुख्यमंत्री बने. इसके 2 साल बाद जदयू-भाजपा के रिश्तों में खटास आ गई. नीतीश ने 10 अगस्त 2022 को फिर पाला बदला और लालू यादव की पार्टी का दामन थाम लिया और फिर से उन्होंने जदयू-राजद को गठजोड़ से महागठबंधन की सरकार बना ली और मुख्यमंत्री बन गए. बिहार में 2022 के बाद महागठबंधन (जदयू -राजद -कांग्रेस) की सरकार करीब दो वर्ष चली. लालू-तेजस्वी के बढ़ते दबाब के बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर बाजी पलटते हुए 28 जनवरी 2024 को जदयू-भाजपा (एनडीए) की नई सरकार बना ली है. इस तरह नीतीश कुमार ने नौंवी बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की, जो सरकार अभी चल रही है.
(डॉ. निशा सिंह)
