जल्द ही कांग्रेस संगठन में ढांचागत बदलाव भी हो सकता है. इसमें कुछ महासचिवों की छुट्टी होगी तो कुछ के चुनाव प्रचार वाले राज्य में बदलाव होगा.
दिल्ली : दिल्ली विधान सभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया. एक भी सीट नहीं जीतने के कारण पार्टी में हलचल है. माना जा रहा कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार के गठन के साथ ही कांग्रेस के कई कदावर नेता बीजेपी में शामिल होंगे. पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसी महीने फरवरी के अंत तक कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव होगा. लोकसभा चुनाव 2024 के बाद ही बदलाव की प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन कई राज्यों के चुनावों के चलते प्रक्रिया रुकी थी. हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस अपने संगठन को फिर से एक्टिव करने में लगी है. राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है. सूत्रों के अनुसार बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, हरियाणा, पंजाब और असम के प्रभारी बदले जा सकते है.
कांग्रेस का प्रचार तंत्र इस वक्त सोया हुआ है. इसी के कारण संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश पर गाज गिरेगी. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि लगभग 8 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष बदले जाएंगे जिसकी शुरुआत ओडिशा से हो चुकी है. असम में गौरव गोगोई फिर से अध्यक्ष बनाए जा सकते है. कर्नाटक में भी डी के शिवकुमार उपमुख्यमंत्री के साथ पार्टी अध्यक्ष भी है, उनकी जगह संगठन में नई नियुक्ति हो सकती है. महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु के अध्यक्ष बदले जाएंगे. हर्षवर्धन महाराष्ट्र के नए कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते हैं. झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर से भी प्रभार से हटाकर उन्हें उनके गृह राज्य जम्मू कश्मीर वापस भेजा जायेगा.
केरल से सांसद बनी प्रियंका गाँधी अभी महासचिव है, लेकिन किसी राज्य की प्रभारी नहीं हैं, उनको किसी बड़े राज्य का प्रभार दिया जा सकता है. बी के हरिप्रसाद, सचिन राव, मीनाक्षी नटराजन, श्रीनिवास बी वी, परगट सिंह, अजय कुमार लल्लू, जिग्नेश मेवानी, कृष्णा अलावरू, मोहम्मद जावेद, अभिषेक दत्त, गणेश गोदियाल, प्रकाश जोशी, जैसे नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. बिहार और बंगाल में विधान सभा चुनाव होना है. बिहार में 8 महीने के बाद चुनाव है, इसलिए वर्तमान अध्यक्ष सांसद अखिलेश प्रशाद सिंह की जगह नए अध्यक्ष को मौका मिल सकता है. बंगाल में अगले साल विधान सभा चुनाव होंगे.
