दिल्ली : विशेष संवाददाता
जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक की अब यह रिपोर्ट आज गुरुवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपी गयी है. लोकसभा स्पीकर की मंजूरी के बाद रिपोर्ट को आगामी बजट सत्र में लोकसभा में पेश किया जाएगा. समिति इसी बजट सत्र में अपनी 500 पन्नों की रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती है. अब तक समिति ने दिल्ली में 34 बैठकें की हैं और कई राज्यों का दौरा किया है, जहां 24 से अधिक हितधारकों को बुलाया गया था.
देश भर से 20 से अधिक वक्फ बोर्ड समिति के समक्ष उपस्थित हुए थे. विपक्ष की आपत्तियों के बाद केंद्र ने विधेयक को आगे की जांच के लिए समिति को भेज दिया था. समिति के 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा सदस्यों में से 13 विपक्षी दलों से हैं– निचले सदन में नौ और उच्च सदन में चार सदस्य हैं. बता दें कि समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल हैं, जो उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद हैं.
जगदंबिका पाल ने कहा कि विधेयक में किए गए कई संशोधनों ने विपक्ष की चिंताओं का समाधान किया है. उनका कहना था कि जब यह विधेयक पारित होगा, तो वक्फ बोर्ड को अपने काम को पारदर्शी और प्रभावी तरीके से करने में मदद मिलेगी. उन्होंने यह भी बताया कि इस विधेयक के तहत पहली बार पसमांदा मुसलमानों (जो पिछड़े वर्ग के हैं), गरीबों, महिलाओं और अनाथों को वक्फ के लाभार्थियों में शामिल किया गया है.
29 जनवरी को बुधवार को भाजपा सदस्य जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) ने मसौदा विधेयक पर रिपोर्ट को 15-11 बहुमत से पारित कर दिया गया था. वक्फ बोर्ड बिल को मंजूरी को मिलने के बाद विपक्ष के सदस्यों ने इस पर जमकर हंगामा किया था. आपको बता दें कि समिति ने 8 अगस्त 2024 को अपने गठन के बाद से राष्ट्रीय राजधानी में 38 बैठकें कीं और हितधारकों से परामर्श करते हुए निष्कर्ष पर पहुंची है. इस विधेयक में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि वक्फ द्वारा उपयोगकर्ता का खंड हटाया गया और यह साफ किया गया है कि वक्फ संपत्ति से संबंधित मामले अब पूर्वव्यापी तरीके से नहीं खोले जाएंगे, जब तक कि वे विवादित न हों या सरकारी संपत्ति न हों.
