पटना : उमेश नारायण मिश्रा
अब दिल्ली के रेलवे स्टेशन की तरह पटना का रेल स्टेशन हाई टेक दिखने लगेगा. पटना जीपीओ के निकट बकरी बाजार में 10 एकड़ से अधिक भूमि में एक बहुमंजिला ‘मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब’ अगले दो महीने बाद काम करने लगेगा. पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड इस परियोजना पर काम कर रही है, जिसे जून 2023 तक पूरा होना था, जो अब पूरा हो रहा है. इस परियोजना का उद्देश्य पटना जंक्शन परिक्षेत्र के अन्तर्गत यातायात व्यवस्था को विकसित करना है. पटना में बना पहला टनल जो पटना जंक्शन को पार्किंग हब से जोड़ता है. अंडरपास के जरिए यात्री स्टेशन से मल्टी लेवल पार्किंग तक पहुंच सकेंगे. अंडरपास में एस्केलेटर लगाए गए हैं. इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से पटना जंक्शन के पास जाम से मुक्ति मिलेगी.
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड (पीएससीएल) 440 मीटर लंबे सब-वे का निर्माण कर रहा है. ये सब-वे पटना जंक्शन को एमएलसीपी के साथ प्रस्तावित मल्टी-मॉडल हब से जोड़ेगा. भविष्य में, इससे मेट्रो स्टेशन आने-जाने वाले यात्रियों को मदद मिलेगी. इसके तहत पटना जंक्शन के पास मेट्रो का इंटरचेंज स्टेशन भी होगा.
पटना का यह पहला टनल है, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनने वाला है. सिर्फ यही नहीं पुराने म्यूजियम और नए म्यूजियम को भी इस हब से जोड़ने की तैयारी है. पटना में मल्टी मॉडल हब चार मंजिलों का बन रहा है, जबकि पहले इसे जी प्लस बनाने की ही योजना थी. इस मल्टी मॉडल हब में दो और मंजिल जोड़ने के लिए पटना स्मार्ट सिटी द्वारा अतिरिक्त 13 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. मल्टीलेवल पार्किंग और पटना जंक्शन के बीच अंडरग्राउंड पाथवे बनेगा. इसके लिए स्मार्ट सिटी योजना से 52.6 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसका निर्माण कार्य दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे मार्च तक पुरे हो जाने का लक्ष्य निर्धारित है.
पटना में पिछले 20 वर्षों में आबादी में बेतहाशा वृद्धि हुई है. सडकों पर गाड़ियां रेंगती नजर आती है. ट्रैफिक सिस्टम चरमराया हुआ है. ट्रैन में सफर करने वालों को पटना रेल स्टेशन पहुँचने में भरी दिक्कत होती है, वजह ट्रैफिक समस्या.
