जेडीयू अध्यक्ष ने मणिपुर में वीरेन सरकार से समर्थन वापसी का पत्र सौंपा, पार्टी ने अध्यक्ष को हटाया, कहा जारी रहेगा समर्थन

JDU withdraws its support from BJP's Viren government in Manipur.

शार्प वे न्यूज़ नेटवर्क।

बिहार विधान सभा चुनाव के पहले एनडीए में नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच सा कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसी कड़ी में आज मणिपुर से बड़ी खबर आ गयी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडी(यू) ने मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने की खबर आयी है. हालाँकि इस घटना से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है, क्योंकि 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 37 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है. हालाँकि राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र लिखने वाले मणिपुर जेडीयू अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह को पार्टी ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया है और कहा है कि समर्थन जारी है. पार्टी के खिलाफ काम करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.

JD(U) ने मणिपुर इकाई के अध्यक्ष को पद मुक्त किया गया

नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने मणिपुर के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह को अध्यक्ष पद से हटा दिया है. पार्टी ने ये फैसला उनके द्वारा मणिपुर के राज्यपाल को लिखे पत्र के बाद लिया है. JD(U) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने दिल्ली में कहा कि “यह भ्रामक और निराधार है. पार्टी ने इसका संज्ञान लिया है और पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है. हमने NDA का समर्थन किया है और मणिपुर में NDA सरकार को हमारा समर्थन जारी रहेगा. मणिपुर इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व से कोई संवाद नहीं किया, उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया. उन्होंने (मणिपुर जेडीयू प्रमुख) खुद ही पत्र लिखा था. इसे अनुशासनहीनता मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है और उन्हें पद से मुक्त कर दिया गया है. हम NDA के साथ हैं और राज्य इकाई मणिपुर के लोगों की सेवा करती रहेगी और राज्य के विकास में योगदान देगी.

इस घटना से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है, क्योंकि 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 37 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है. मणिपुर में जेडी(यू) के एकमात्र विधायक को अब विपक्ष में माना जाएगा. आपको बता दें कि इसी साल बिहार में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले आज नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है. मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने छह सीटें जीतीं, लेकिन चुनाव के कुछ महीनों बाद, पांच विधायक भाजपा में चले गए थे. मात्र एक विधायक अभी हैं. जेडी(यू) ने घोषणा की कि वह अब मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का समर्थन नहीं करती है. मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को संबोधित पत्र में कहा गया है कि उनके एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को अब सदन में विपक्षी विधायक माना जाएगा.

एनपीपी के जेडीयू बीरेन सिंह सरकार से आउट

इस राजनीतिक घटनाक्रम से बीरेन सिंह सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन जेडीयू एक कड़ा संदेश बीजेपी को दे दिया गया है. जेडीयू केंद्र और बिहार में बीजेपी की प्रमुख सहयोगी है और बिहार में इसी साल चुनाव होने वाले हैं. यह घटनाक्रम कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी, जो मेघालय में सत्ता में है, याद दिला रही है. आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने भाजपा के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था और हिंसा को रोकने और कानून-व्यवस्था बहाल करने में वीरेन सरकार की विफलता को जिम्मेदार बताया था. मेघालय के मुख्यमंत्री ‘कॉनराड के संगमा’ की पार्टी है. एनपीपी, जो वीरेन सरकार का दूसरी बड़ी सहयोगी पार्टी थी, एनपीपी के सात विधयक थे. वीरेन सरकार को नागा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन अभी प्राप्त है.

रिश्ते में दरार :JDU के 5 MLA बीजेपी में हुए थे शामिल

मणिपुर बीजेपी यूनिट ने कहा कि ‘फरवरी/मार्च, 2022 में मणिपुर की राज्य विधानसभा के लिए हुए चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा खड़े किए गए छह उम्मीदवारों को वापस कर दिया गया. कुछ महीनों के बाद जनता दल (यूनाइटेड) के पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए. पांच विधायकों के खिलाफ भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर ट्रिब्यूनल के समक्ष मुकदमा लंबित है. जनता दल (यूनाइटेड) ने 5 विधायकों के बीजेपी में चले जाने पर कहा था कि ये ठीक नहीं हुआ.

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