बिहार चुनावी साल : जातिगत जनगणना पर क्रेटिड लेने की होड़, राहुल गांधी ने बताया फर्जी, टेंशन में तेजस्वी

Competition to get credit on caste census, Rahul Gandhi called it fake, Tejashwi in tension

डॉ. निशा सिंह ।

Bihar Election 2025 : बिहार में चुनावी साल है. नीतीश कुमार अपने अस्तित्व के लिए लड़ेगें, बीजेपी सत्ता पर काबिज करना चाहेगी या लालू-तेजस्वी की सरकार की वापसी होगी? मुद्दे कई हैं, लेकिन मुकाबला एनडीए (जदयू-बीजेपी-लोजपा- रामविलास) और महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, वाम मोर्चा) के बीच होगा. चुनाव के पहले सियासी समीकरण भी बदलेंगे? क्या होगा स्वरुप अभी तय नहीं है. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस बिहार में 1999 से ही लालू यादव के वैशाखी बनी पड़ी है. प्रदेश के जितने भी कांग्रेस लीडर्स हैं, उनमें कोई दम रहा नहीं, सो केंद्रीय स्तर पर ही कोई फैसला बिहार के मामले में होता है. राहुल गांधी ने बिहार का दौरा किया और जातीय जनगणना पर ऐसा बोल गए कि तेजस्वी यादव भी डोल गए. यानि क्रेडिट लेने पर कांग्रेस-राजद में होड़ लगी है.

दरसअल बिहार में जातीय जनगणना कराने का पूरा क्रेडिट तेजस्वी लेने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी ने पटना दौरे में इसे फर्जी बता दिया है. हालांकि, राहुल गांधी शायद भूल गए कि बिहार में जब जातीय जनगणना हुई थी, तब महागठबंधन की सरकार थी और कांग्रेस भी उसका हिस्सा थी. लोकसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव बार-बार यह कह रहे थे कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ गए तो बिहार में जातीय जनगणना हो सकी. वह बिहार के जातीय जनगणना को लगातार अपने एजेंडे में रख रहे हैं. उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बनी हर कार्य-योजना में इसे जगह देने का मन बनाया.

जातिगत जनगणना पर वॉर, कांग्रेस-राजद में तकरार ?

दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के जनादेश से राज्य में गठित हुई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया था. तत्कालीन विपक्ष, यानी महागठबंधन के दलों ने भी इसका समर्थन किया था. ये मामला कोर्ट में चला गया. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगस्त 2022 में एनडीए छोड़ महागठबंधन का दामन थाम लिया और इसी के बाद जातीय जनगणना हुई और इसकी रिपोर्ट आई और अक्टूबर 2023 में आनन-फानन में आरक्षण भी बढ़ा दिया गया. इसके बाद पटना हाई कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी. इस रोक को भाजपा की साजिश बताते हुए तेजस्वी यादव लगातार बिहार में जातीय जनगणना कराने और आरक्षण बढ़ाने का अब दावा करते रहे हैं. एक तरफ एनडीए 2020 में अपनी सरकार बनने पर जातीय जनगणना का फैसला करने के लिए क्रेडिट ले रहा है तो दूसरी तरफ अगस्त 2022 में उप मुख्यमंत्री बने तेजस्वी यादव जनगणना करा आरक्षण बढ़ाने का क्रेडिट ले रहे हैं. दोनों ही समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे. ऐसे में अब राहुल गांधी के बयान के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या तेजस्वी इस क्रेडिट वार में खुद को कहाँ पाएंगे ?

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