दिल्ली में बीजेपी का पूर्वांचल सम्मान मार्च, अरविन्द केजरीवाल के घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन

BJP's Purvanchal Samman March in Delhi

दिल्ली : दिल्ली में पूर्वांचली वोटरों को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच घमासान मचा है. एक तरफ आम आदमी पार्टी जहां बीजेपी पर पूर्वांचली मतदाताओं के वोट कटवाने का आरोप लगा रही तो वहीं बीजेपी ने पूर्वांचली वोटरों को रोहिंग्या कहने पर अरविन्द केजरीवाल को निशान बनाया है. दिल्ली चुनाव को लेकर BJP ने बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी वोट का समर्थन लेने के लिए अपना अभियान शुरू किया है.

आज बीजेपी ने दिल्ली में पूर्वांचल सम्मान मार्च का आयोजन किया है. बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने आज अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर विरोध -प्रदर्शन किया. बीजेपी का आरोप है कि अरविन्द केजरीवाल ने पूर्वांचल के लोगों का अपमान किया है. बीजेपी ने पूर्वांचल के लोगों से अपील की है कि वे दिल्ली विधान सभा चुनाव में आप पार्टी को वोट नहीं दें, कारण कि अरविन्द केजरीवाल पूर्वांचल के लोगों से नफरत करते हैं. अभी हाल में अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के फर्जी वोट लेने के लिए बीजेपी ने दिल्ली में करीब 13 हजार नए वोटर्स के नाम जुड़वा दिया है. बीजेपी ने कहा कि AAP का पूर्वांचल विरोधी चेहरा पूरे देश के सामने बेनक़ाब हो चुका है.

दिल्ली में पूर्वांचली हार जीत तय करते हैं

दिल्ली में करीब 30 फीसदी पूर्वांचल के लोगों का वोट चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. दिल्ली में इसी 30 फीसदी पूर्वांचल वोटरों पर बीजेपी की नजर है. पूर्वांचल के लगभग 40 लाख वोटर दिल्ली की कुल 70 सीटों में 17 से 20 विधानसभा सीटों पर असर डाल सकते हैं. इन वोट के समर्थन से आप पार्टी भी पिछले तीन विधान सभा चुनाव में जीत हासिल किया था. इस दफे भी केजरीवाल को भरोसा है कि उनकी पार्टी आप को भरपूर समर्थन मिलेगा. बीजेपी ने अपने NDA सहयोगियों JDU और LJP को भी कुछ सीटें देने की योजना बनाई है ताकि बिहार से जुड़ी ये सहयोगियों पार्टियों की वजह से पूर्वांचली वोटर बीजेपी से जुड़े. दिल्ली की 70 विधानसभाओं में से 17 विधानसभा सीट पूर्वांचली बहुल है. इन विधानसभाओं में जीत-हार की चाबी पूर्वांचली वोटरों के हाथ है. इन विधानसभा क्षेत्रों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से संबंधित मतदाताओं की संख्या 30 से 50 प्रतिशत तक है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि साल 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव में अधिकांश पूर्वांचली मतदाताओं का समर्थन आम आदमी पार्टी को मिला था. इसलिए इस बार सियासी समीकरण बदलने का प्रयास किया जा रहा है.

दिल्ली के लिए बीजेपी की ये योजना है

दिल्ली में पार्टी प्रत्येक बूथ पर कम से कम पांच पूर्वांचली कमल मित्र तैयार करेगी. 1200 बैठकों के आयोजन का प्लान है. दिल्ली में दलितों के लिए विधानसभा की 12 सीटें रिजर्व हैं. इन 12 सीटों पर जिस भी दल को बढ़त मिलती है, उसे ही दिल्ली की सत्ता मिलती है. दिल्ली में दलित के साथ-साथ पूर्वांचल मतदाता भी एक्स फैक्टर हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश से डेढ़ सौ से अधिक विधायक, सांसद, मंत्री और 25000 से अधिक बीजेपी के कार्यकर्ता विभिन्न कार्यक्रमों मसलन पूर्वांचली लाभार्थी संपर्क अभियान, पूर्वांचल स्वाभिमान सम्मेलन, पूर्वांचली सांस्कृतिक समिति संपर्क अभियान, पूर्वांचल समाज संवाद, पूर्वांचली मकर संक्रांति महोत्सव अभियान में शामिल होंगे. ये सभी कार्यक्रम बीजेपी के पूर्वांचल वोटर जोड़ों अभियान के तहत चलेगा.

Jetline

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