दिल्ली : विशेष संवाददाता
गृह मंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली में कहा कि 2026 तक हम नक्सलवाद को खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि अगर अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाना है तो नक्सलवाद को खत्म करना होगा। मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद(LWE) के सामने लड़ने के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में क़ानून को लागू करना ज़रूर है। 30 साल के बाद पहली बार वामपंथी उग्रवाद से मरने वाले लोगों की संख्या 100 से कम रही है
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में है. 2026 मार्च तक भारत इस दशकों पुरानी समस्या से मुक्ति पा लेगा। LWE का 85% कैडर strength छत्तीसगढ़ में सिमट कर रह गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज नक्सलवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बड़ी बैठक करेंगे. इस बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, आंध्र प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. इसके अलावा बैठक में पांच केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय मंत्रालयों के सीनियर अधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के प्रतिनिधि और डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर भी भाग लेंगे.उन्होंने पिछली बार 6 अक्टूबर 2023 को रिव्यू बैठक की थी. गृह मंत्रालय का कहना है कि इस साल अब तक सुरक्षाबलों ने हथियारबंद नक्सलियों के सफाए में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार मार्च 2026 तक एलडब्ल्यूई के खतरे को पूरी तरह से खत्म करेगी. केंद्र सरकार नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए प्रभावित राज्य सरकारों को हर संभव सहायता कर रही है.
आपको बतादें कि गृह मंत्री अमित शाह ने पिछली बार 6 अक्टूबर 2023 को नक्सलवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ रिव्यू बैठक की थी. उस बैठक में गृह मंत्री ने नक्सलवाद के खात्मे को लेकर बड़े स्तर पर दिशा-निर्देश जारी किए थे. कहा गया है कि मोदी सरकार की रणनीति की वजह से 2010 की तुलना में 2023 में नक्सलवाद हिंसा में 72 फीसदी की कमी दर्ज की गई थी, जबकि मौतों में 86 प्रतिशत की गिरावट आई थी. केंद्र सरकार का कहना है कि नक्सलवाद आज अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहा है.गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक साल 2024 में अब तक सुरक्षाबलों ने हथियारबंद नक्सलियों के सफाए में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है. इस वर्ष अब तक 202 नक्सलियों का सफाया किया जा चुका है. पिछले 9 महीनों में 723 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जबकि 812 को गिरफ्तार किया गया है. 2024 में नक्सलवाद से प्रभावित जिलों की संख्या घटकर मात्र 38 रह जाएगी.