डॉ. निशा सिंह
भले ही सुप्रीम कोर्ट ने भारत में महिलाओं को सभी मन्दिरों में बिना किसी भेदभाव के समान एंट्री का अधिकार सुनश्चित करने का निर्देश सरकार को दिया है और संविधान द्वारा भी बिना किसी लैंगिक भेदभाव के महिलाओं को सभी धार्मिक स्थलों यानी मन्दिरों में प्रवेश की अनुमति दी है, लेकिन व्यवहार में इसका कुछ विरोध हो रहा है. देश में आज भी कई ऐसे मंदिर हैं, जहां महिलाओं का जाना मना है.
केरल का सबरीमाला मंदिर महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं देने के चलते हाल ही में सुर्खियों में रहा है. इस मंदिर में 10 से 55 साल की महिलाओं का प्रवेश मना है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी, लेकिन मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों द्वारा इसका लगातार विरोध किया जाता रहा है. हालांकि केरल का सबरीमाला मंदिर देश का इकलौता मंदिर नहीं है, जहां महिलाओं का जाना वर्जित है. ऐसे पांच और मंदिर है, जहां महिलाएं नहीं जा सकती हैं, भले ही सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दे दी है.
ये छः मंदिर हैं – केरल का सबरीमाला मंदिर, पुष्कर का कार्तिकेय मंदिर, मध्यप्रदेश का जैन मंदिर, केरल का पद्मनाभस्वामी मंदिर, छत्तीसगढ का माता मावली मंदिर और हिमाचल प्रदेश का बाबा बालकनाथ मंदिर. इन मंदिरों के बाहर तो महिलाएं जा सकती हैं, लेकिन मंदिर के अंदर गर्भगृह में जाकर दर्शन या पूजा नहीं कर सकती हैं.